- नवदीप सैनी आज अपना 28वां जन्मदिन मना रहे हैं
- नवदीप सैनी का जन्म 23 नवंबर 1992 को कर्नाल में हुआ था
- नवदीप सैनी ने टी20 इंटरनेशनल डेब्यू वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था
नई दिल्ली: अगर आपके पास हुनर है, तो उसकी कद्र जरूर होगी। यह बात हरियाणा के कर्नाल के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी के साथ एकदम सटीक बैठी, जो आज अपना 28वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस तेज गेंदबाज ने जीवन में काफी संघर्ष किया और फिर गौतम गंभीर ने उसके सपनो को उड़ान भरने में मदद की। नवदीप सैनी के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन सैनी के पास जज्बा और जोश दोनों था। वह घर के गमलों को स्टंप बनाकर गेंदबाजी का अभ्यास करते थे। नवदीप सैनी ने टेनिस बॉल से काफी क्रिकेट खेली और वह इसी के जरिये एक दिन में 200-250 रुपए कमा लेते थे।
नवदीप ने 13 साल तक लेदर बॉल से ज्यादा गेंदबाजी नहीं की थी, पर गंभीर ने सिर्फ 15 मिनट में उनकी प्रतिभा पहचान ली थी। गंभीर ने सैनी को बेहतर तेज गेंदबाज बनाने के लिए अपना सबकुछ झोंका। उन्होंने नवदीप सैनी को दिल्ली की टीम में जगह दिलाने के लिए चेतन चौहान और बिशन सिंह बेदी से बहस भी की। नवदीप सैनी भारत के उन चुनिंदा गेंदबाजों में से एक हैं, जो 150 किमी/घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं।
नवदीप सैनी का जन्म 23 नवंबर 1992 को कर्नाल, हरियाणा के हुआ। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुत ही साधारण थी, उनके पिता हरियाणा सरकार में ड्राइवर थे तथा परिवार में उनके एक बड़े भाई भी है। नवदीप सैनी ने अपनी स्कूली शिक्षा दयाल सिंह स्कूल से की और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। सैनी को बचपन से ही तेज गेंदबाजी करने का शौक था और मिचेल स्टार्क व ब्रेट ली को अपना गेंदबाजी आदर्श मानते हैं।
नवदीप को मिला कई दिग्गजों का सहारा
नवदीप ने छठी क्लास से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। मगर आर्थिक तंगी के कारण वे अभ्यास नही कर पाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने कुछ पैसो लिए किसी तरह कर्नाल प्रीमियर लीग में भाग लिया। उसी लीग में दिल्ली के तेज गेंदबाज सुमित नरवाल और उस लीग के आयोजक ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें दिल्ली के किसी क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिलवाया तथा उन्हें एक क्रिकेटर बनने में भी बहुत मदद की।
नवदीप दिसंबर 2013 में रोशनारा क्रिकेट ग्राउंड में एक अभ्यास सत्र के लिए गए जहां दिल्ली की रणजी टीम उस समय अभ्यास कर रही थी। वहां गंभीर की नजर नवदीप पर पड़ी और उन्होंने युवा तेज गेंदबाज को नेट्स पर गेंदबाजी का मौका दिया। नवदीप सैनी ने अपनी गेंदबाजी से गंभीर को प्रभावित किया और बाद में उन्होंने दिल्ली क्रिकेट बोर्ड के चयनकर्ताओं को नवदीप सैनी को टीम में चुनने के लिए जोर दिया। दिल्ली के लिए आउटसाइडर होने के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत और शानदार गेंदबाजी कौशल ने उन्हें टीम में प्रवेश दिलाया।
आज नवदीप सैनी क्रिकेट जगत में जाना माना नाम बन गया है। युवा तेज गेंदबाज से बहुत उम्मीदें हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करेंगे। सैनी ने 5 वनडे में 5 विकेट और 10 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 13 विकेट चटकाए हैं।
नवदीप सैनी के बारे में खास-खास
- नवदीप सैनी 2017-18 रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। उन्होंने 8 मैचों में 34 विकेट चटकाए।
- 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में नवदीप सैनी दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उन्होंने 8 मैचों में 16 विकेट चटकाए।
- नवदीप के दादाजी का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है। सैनी के दादाजी करम सिंह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में ड्राइवर थे।
- नवदीप सैनी भारत की और से किसी भी अंतराष्ट्रीय मैच में अंतिम ओवर मेडन फेंकने वाले पहले खिलाडी बने। यहां तक की टी-20 मैच में सैनी के अलावा कोई भी अंतिम ओवर मेडन नहीं डाल पाया है।