- एमएस धोनी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं
- धोनी ने आखिरी बार आईसीसी विश्व कप 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच खेला था
- सुनील गावस्कर का मानना है कि एमएस धोनी टी20 विश्व कप में भारतीय टीम की तरफ से नहीं खेलेंगे
मुंबई: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य पर चर्चा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। धोनी ने पिछले साल विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला खेला था और उसके बाद से वह ब्रेक पर हैं। कई बार उनकी वापसी की उम्मीद जताई गई, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं लौटे। माही ने आईपीएल 2020 से क्रिकेट एक्शन में लौटने का मन बनाया और चेन्नई में ट्रेनिंग करना शुरू की। मगर कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण आईपीएल 29 मार्च से स्थगित करके 15 अप्रैल तक कर दिया गया है। फैंस के लिए धोनी की वापसी का इंतजार और बढ़ गया है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि धोनी आगामी टी20 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि टीम उनसे आगे बढ़ चुकी है।
इसमें कोई शक नहीं कि धोनी अब भी पूरी तरह फिट हैं। वह भारतीय टीम के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। मगर गावस्कर का कहना है कि जहां वह निजी तौर पर धोनी को ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप खेलते हुए देखना चाहते थे, लेकिन शायद उन्हें अब टीम में जगह नहीं मिले।
गावस्कर ने क्या कहा
गावस्कर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं धोनी को भारत की विश्व कप टीम में देखना चाहता हूं, लेकिन अब ऐसा होते नजर नहीं आता। टीम आगे बढ़ चुकी है। धोनी उनमें से नहीं जो बड़ी घोषणा करें। मुझे लगता है कि वह शांती से क्रिकेट से संन्यास लेंगे।' यह नहीं भूलना चाहिए कि धोनी ने भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली को टेस्ट कप्तानी सौंपी थी। पिछले साल न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि धोनी जल्द ही 50 ओवर प्रारूप से संन्यास ले सकते हैं, लेकिन टी20 विश्व कप में हिस्सा लेने के लिए आईपीएल 13 में उनका प्रदर्शन सब निर्धारित करेगा।
जाफर ने किया था समर्थन
वहीं टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वसीम जाफर ने एमएस धोनी की राष्ट्रीय टीम में वापसी का समर्थन किया था। उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि धोनी भारतीय टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं अगर वह अपनी फिटनेस के चरम पर हो। जाफर ने ट्वीट किया था, 'अगर धोनी फिट हैं और फॉर्म में हैं तो हमें उनके अलावा कोई और नजर नहीं आएगा क्योंकि वह विकेट के पीछे बेहतरीन हैं और निचलेक्रम में शानदार बल्लेबाजी करते हैं। इससे राहुल पर से दबाव हटेगा और भारत रिषभ पंत को भी बतौर बल्लेबाज आजमा सकता है, अगर बाएं हाथ के बल्लेबाज की जरुरत होती है तो।'
बीसीसीआई ने अनुबंध से किया बाहर
ध्यान हो कि बीसीसीआई ने इस साल धोनी को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया था क्योंकि उन्होंने लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला। 2019 विश्व कप के बाद तत्कालीन प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने खुलासा किया था कि विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में रिषभ पंत को प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि चयनकर्ता भी धोनी से आगे बढ़ चुके हैं। मगर दिल्ली के विकेटकीपर अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने में सफल नहीं हुए और ऐसे में धोनी की वापसी की बातें बल लेने लगी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पंत कनकशन के कारण मैदान से बाहर रहे और उनकी जगह केएल राहुल ने विकेटकीपर की जिम्मेदारी संभाली। कर्नाटक के बल्लेबाज ने दोनों हाथों से इस मौके का फायदा उठाया और अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया। इसका नतीजा यह रहा कि राहुल अब सीमित ओवर में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खुद को स्थापित कर चुके हैं और पंत का पत्ता फिलहाल कट गया है।