- सुरेश रैना ने कहा कि धोनी को उनकी प्रतिभा पता थी
- रैना ने गांगुली के बाद धोनी को सर्वश्रेष्ठ कप्तान करार दिया
- रैना ने कहा कि वह कभी गलतियां नहीं दोहराने के लिए कप्तान को विश्वास दिलाते थे
नई दिल्ली: सुरेश रैना ने अपने करियर के ज्यादातर मैच एमएस धोनी की कप्तानी में खेले हैं। धोनी ने कड़े समय में उत्तर प्रदेश के बल्लेबाज का काफी समर्थन किया और रैना ने भी भरोसा दिलाया कि वह बहुत ही कम अपने कप्तान को निराश करें। युवराज सिंह ने हाल ही में बयान दिया था कि जब एमएस धोनी कप्तान थे तो उत्तर प्रदेश का बल्लेबाज उनका पसंदीदा खिलाड़ी था। इस बयान पर अब सुरेश रैना ने करारा जवाब दिया है।
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि एमएस धोनी ने हमेशा उनका समर्थन इसलिए किया क्योंकि उन्हें पता था कि उनमें प्रतिभा है। सुरेश रैना ने यह भी ध्यान किया कि कैसे धोनी उन्हें खराब फॉर्म में सलाह देते थे। रैना फिर अपने कप्तान को भरोसा दिलाते थे कि कभी गलतियां नहीं दोहराएंगे और आगामी मुकाबलों में दमदार प्रदर्शन करेंगे।
रैना ने फेनकोड से बातचीत में कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि एमएस धोनी ने हमेशा मेरा समर्थन किया। उन्होंने मेरा साथ इसलिए दिया क्योंकि उन्हें पता था कि मुझमें प्रतिभा है। मैंने उनके लिए चेन्नई सुपरकिंग्स और टीम इंडिया में प्रदर्शन करके दिखाया। हमेशा उनका साथ मिला। धोनी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वह दो आपको दो मैच के बाद बोलेंगे- अगर तुम स्कोर नहीं करोगे तो मुझे बड़ा कदम उठाना होगा। मैं कहता था कि मुझे एक या दो मौके और दें। मैं उन्हें भरोसा दिलाता था कि गलतियां नहीं दोहराउं।'
मिडिल ऑर्डर में चुनौतियां
सुरेश रैना ने ध्यान दिलाया कि मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज के सामने कई चुनौतियां होती है क्योंकि उसे लगभग हर मैच में अलग परिस्थिति में बल्लेबाजी करनी होती है। रैना ने भारत के लिए अधिकांश पांचवें या छठें क्रम पर बल्लेबाजी की और एक बार नंबर-4 पर उन्हें आजमाया गया, जो विश्व कप तक भारतीय टीम के लिए सिरदर्द बना जब तक श्रेयस अय्यर ने इस क्रम को नहीं संभाला।
33 साल के रैना ने कहा, 'आपको पता है कि मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करना आसान नहीं है। हर मैच में आपको कभी 10-15 ओवर बल्लेबाजी करनी होती है तो कभी 30 ओवर खेलना पड़ते हैं। हमारे विरोधी अलग होते हैं और हमें गेंद के हिसाब से खेलना पड़ता है। अगर 2-3 विकेट लेना होते हैं और 15-20 रन बचाना होते हैं। मिडिल ऑर्डर मेरे लिए हमेशा से चुनौती रहा। मगर मैंने हमेशा सभी चीजें सकारात्मक अंदाज में ली।' रैना ने एमएस धोनी के समर्थन का शुक्रियाअदा किया और सौरव गांगुली के बाद उन्हें सर्वश्रेष्ठ कप्तान करार दिया।
सुरेश रैना इस बात से भी संतुष्ट हैं कि जब भी धोनी का समर्थन मिला तो उन्हें बेहतर प्रदर्शन किया और वह इस बात से भी खुश हैं कि 2011 विश्व कप चैंपियन भारतीय टीम के सदस्य रहे। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'मैं माही का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा क्योंकि उन्होंने वह हमेशा मेरे प्रेरणास्रोत रहे हैं और उन्हें पता था कि मुझमें क्या प्रतिभा है। मेरे ख्याल से यह सब किस्मत की बात है। दादा के बाद वह हमारे सर्वश्रेष्ठ कप्तान रहे। इसलिए मुझे लगता है कि हम चीजों का आनंद उठा सके जब हम विश्व कप खेल रहे थे।'
उन्होंने आगे कहा, 'भगवान हर विभिन्न स्थिति में अच्छा रहा है। यह कहना मुश्किल है कि मुझे आगे ज्यादा या कम मौके मिलेंगे। मैं खुश हूं कि विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहा। धोनी ने मेरा साथ दिया, मैंने प्रदर्शन किया और मुझे नहीं लगता कि मैं इससे ज्यादा कुछ ज्यादा कह सकता हूं।'