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'गौतम गंभीर के लिए डॉग-फाइट हुई थी': केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने किया खुलासा

Updated Aug 25, 2020 | 11:14 IST

IPL 2020: गौतम गंभीर की कप्‍तानी में कोलकाता नाइटराइडर्स ने 2012 और 2014 में आईपीएल खिताब जीते थे। जानिए केकेआर ने क्‍या रणनीति बनाकर भारतीय ओपनर को खरीदा था।

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गौतम गंभीर और रॉबिन उथप्‍पा
मुख्य बातें
  • गौतम गंभीर को खरीदने की रणनीति का वेंकी मैसूर ने किया खुलासा
  • गौतम गंभीर की कप्‍तानी में केकेआर ने दो बार आईपीएल खिताब जीता
  • गौतम गंभीर को आईपीएल के सबसे सफल कप्‍तानों में से एक माना जाता है

नई दिल्‍ली: 2011 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) ने गौतम गंभीर को टीम में बतौर कप्‍तान शामिल किया था। यह फैसला इसलिए लिया गया क्‍योंकि शुरूआत के तीन साल में फ्रेंचाइजी का प्रदर्शन लचर रहा था। आईपीएल के पहले, दूसरे और तीसरे सीजन में कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम क्रमश: छठे, आखिरी और फिर छठे स्‍थान पर रही थी। मगर गौतम गंभीर की कप्‍तानी में केकेआर का भाग्‍य बदला।

गौतम गंभीर की कप्‍तानी में फ्रेंचाइजी ने 2012 और 2014 में आईपीएल खिताब जीते। पूर्व बाएं हाथ के बल्‍लेबाज ने सुनील नरेन और रॉबिन उथप्‍पा के रूप में टीम को मैच विजयी खिलाड़‍ी दिए और अपनी टीम में मैच जीतने का बर्ताव विकसित किया। इसमें कोई शक नहीं कि गंभीर अब संन्‍यास ले चुके हैं, लेकिन वह अब भी आईपीएल इतिहास के सबसे सफल कप्‍तानों में से एक माने जाते हैं। केकेआर सीईओ वेंकी मैसूर ने हाल ही में द आरके शो पर खुलासा किया कि गंभीर को फ्रेंचाइजी ने क्‍या रणनीति बनाकर खरीदा था।

गौतम गंभीर को नहीं जानते थे मैसूर

वेंकी मैसूर ने कहा, 'यह सच है कि गौतम गंभीर को खरीदने से पहले मैं उन्‍हें बिलकुल भी नहीं जानता था। जहां तक मुझे याद है तो केकेआर के इतिहास में कई कभी न भूलने वाले पल रहे हैं। 2011 में पहली बार नीलामी में मैं गया था। हमारी अपनी योजनाएं थीं। मेरे साथ, एक बात यह थी कि हम कभी एक योजना पर अड़कर नहीं रहते थे। नीलामी के बर्ताव को देखते हुए हमारे पास प्‍लान ए, प्‍लान बी, प्‍लान सी तैयार रहता था।'

मैसूर ने आगे कहा, 'मुझे लगा कि हम बहुत अच्‍छे से तैयार हैं, लेकिन फिर भी हम काफी घबराए हुए थे। वो मेरी पहली नीलामी थी और मैं वहां बैठा था। मालिकों का कहना था कि ये तुम्‍हारा बच्‍चा और प्रोजेक्‍ट है। इसे तुम्‍हें चलाना है। तुम्‍हारी योजना, तुम्‍हें जाना और काम में लाना है। जब से मैं केकेआर में शामिल हुआ तब से यही योजना चल रही है। जय और जूही भी टेबल पर आकर बैठ गए। मगर टेबल पर फैसले लेते समय वो किसी में भी शामिल नहीं हुए। हमने उन्‍हें छोटे में बताया था, हमने बात की और उनके अपने आइडिया था। आखिरकार, उन्‍होंने कहा कि आपका फाइनल कॉल होगा। आप लोगों ने हमसे ज्‍यादा विचार किया होगा।'

पहला ही नाम गौतम गंभीर

वेंकी मैसूर ने आगे कहा, 'मैं वहां बैठा था और उम्‍मीद कर रहा था व अपनी प्रार्थनाओं में कुछ कह रहा था। मेरा दिल जोर से धड़क रहा था। मैं अन्‍य टीमों और मालिकों के पहचान वाले चेहरे देख रहा था और वो सभी अपनी-अपनी टेबल पर बैठे थे। फिर मैंने अपने आप से कहा, यह अभ्‍यास मैच की तरह है- जैसे बल्‍लेबाज को क्रीज पर आने से पहले कुछ नॉक-डाउन की जरूरत होती है। तो मैंने सोचा कि कुछ नामों को नीलामी में आने दो, जिसमें हमारी रुचि नहीं है। फिर देखते हैं कि क्‍या होता है।'

केकेआर सीईओ ने कहा, '2011 नीलामी में सबसे पहला नाम गौतम गंभीर का आया, जिसे सुनकर हम सब भौचक्‍के रह गए। यह अविश्‍वसनीय था। हम दृढ़ निश्‍चयी थे। हमारे पास बजट थे और हमारी रणनीति में रकम को लेकर ब्रेक-अप भी थे। मेरे दिल ने कहा कि गौतम गंभीर को खरीदना सही होगा। भले ही हमारा तय किया हुआ बजट थोड़ा आगे बढ़ जाए क्‍योंकि कोच्चि टीम भी उन्‍हें खरीदने के लिए बराबरी से प्रोत्‍साहित थी। इसके लिए डॉग-फाइट हुई। शेष इतिहास है।'

गौतम गंभीर के 2018 में फ्रेंचाइजी को छोड़ने के बाद दिनेश कार्तिक को केकेआर का कप्‍तान बनाया गया। इस साल भी दिनेश कार्तिक केकेआर की कप्‍तानी करेंगे और फ्रेंचाइजी को तीसरी बार खिताब जीतने की उम्‍मीद है।

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