- हार्टले अपने ट्विटर अकाउंट पर आरसीबी का समर्थन करती हैं
- विराट कोहली और युजवेंद्र चहल हार्टले के आरसीबी में पसंदीदा खिलाड़ी हैं
- एलेक्सांड्रा हार्टले ने आरसीबी की जर्सी मिलने के बाद इस तरह दिया रिएक्शन
लंदन: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने 13 सालों में वैश्विक स्तर पर अपनी फैन फॉलोइंग बनाई हैं। सिर्फ भारतीय खिलाड़ी ही नहीं बल्कि विदेशी क्रिकेटरों की नजरें पैसों से भरे टूर्नामेंट पर लगी रहती हैं। आईपीएल को इतना सफल बनाने के पीछे के दो प्रमुख कारण हैं- प्रतियोगिता का स्तर और उसके फैंस। आईपीएल हर साल अपनी क्वालिटी में सुधार करता है और फैंस के बीच इसका उत्साह जमकर बोलता है।
अपने पसंदीदा खिलाड़ी से लेकर टीम को समर्थन करना व टूर्नामेंट के दौरान कई थीम सांग का आने से आईपीएल खेल और ग्लैमर का मिश्रण बना है। जो आईपीएल का हिस्सा नहीं भी हैं, वह क्रिकेटर्स भी टीवी के जरिये इस लीग का पूरा आनंद उठाते हैं। इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर एलेक्सा हार्टले आईपीएल की डाई हार्ड फैंस में से एक हैं। हार्टले आईपीएल को करीब से फॉलो करती हैं और अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के प्रति समर्थन जाहिर करती हैं।
आरसीबी ने हार्टले का जीता दिल
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के आखिरी लीग मैच से पहले एलेक्सांड्रा हार्टले को सभी खिलाड़ियों द्वारा ऑटोग्राफ दी हुई जर्सी मिली। हार्टले ने जर्सी पाकर खुशी जाहिर की और ट्विटर पर जर्सी मिलने की खुशी व्यक्त की। इसके साथ ही हार्टले ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच के लिए आरसीबी के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को शुभकामनाएं भी दीं।
हार्टले ने ट्वीट किया, 'आरसीबी और अजित को मुझे ऑटोग्राफ की हुई शर्ट देने के लिए बड़ा धन्यवाद। आज लड़कों के लिए बड़ा मुकाबला है। युजवेंद्र चहल, गुड लक।'
बता दें कि आरसीबी की टीम आईपीएल 2020 के प्लेऑफ में पहुंचने में कामयाब रही। हालांकि, दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उसे शिकस्त झेलनी पड़ी। अबुधाबी के शेख जायेद स्टेडियम में आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी की और 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 152 रन बनाए। जवाब में दिल्ली कैपिटल्स ने शिखर धवन (54) और अजिंक्य रहाणे (60) के उम्दा अर्धशतकों की मदद से 19 ओवर में चार विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
आरसीबी को अगर अब आईपीएल का खिताब जीतना है तो उसे अपने अगले तीनों मुकाबले जीतने होंगे। बता दें कि आरसीबी आईपीएल इतिहास की ऐसी पहली टीम बनी, जिसने अंतिम चार मैच लगातार हारने के बावजूद प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की की।