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आईपीएल 2021: क्या होता है बायो बबल, जानिए खिलाड़ी किस तरह इसमें रहते हैं सुरक्षित

Updated May 03, 2021 | 20:15 IST

What is Bio Bubble, IPL 2021 : आईपीएल 2021 को आयोजन कोरोना काल में हो रहा है। ऐसे में खिलाड़ियों को बायो सिक्योर बबल में रखा गया है।

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क्या होता है बायो बबल

नई दिल्ली: पिछले साल की तरह इस बार भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन बायो सिक्योर बबल में हो रहा है। आईपीएल 2021 का आगाज 9 अप्रैल को हुआ था और तब से टूर्नामेंट में किसी खिलाड़ी या स्टाफ के संक्रमित होने की खबर नहीं आई थी। लेकिन सोमवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के दो खिलाड़ी और चेन्नई सुपर किंग्स के स्टाफ के सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले तो आईपीएल फैंस हैरान रह गए। दरअसल, लोग सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहे हैं कि बायो बबल में होने के बावजूद खिलाड़ी और स्टाफ कैसे संक्रमित हो गए। ऐसे में आइए जानते हैं कि बायो बबल क्या है?

क्या होता है बायो सिक्योर बबल

'बायो बबल' या जैविक सुरक्षित वातावरण एक ऐसा माहौल या स्थिति को तैयार करना है जहां खिलाड़ियों व टूर्नामेंट से जुड़े लोगों का बाहरी कनेक्शन पूरी तरह टूट जाए। वहां सब कुछ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) के नियमों के तहत होता है। सभी खिलाड़ियों को इसके नियमों का कड़ाई से पालन करना पड़ता है। वो टूर्नामेंट के समय तक बाहरी दुनिया से शारीरिक तौर पर पूरी तरह से कट जाते हैं। उन्हें उस जैविक सुरक्षित माहौल से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। ये एक काल्पनिक बुलबुले जैसा है, जिसमें टूर्नामेंट खत्म होने तक खिलाड़ियों को काफी संयमित ढंग से रहना होता है।

कहां बनाया जाता है बायो बबल

बायो बबल का किसी होटल या स्टेडियम के हिस्से में बनाया जा सकता है। ऐसी जगह चुनी जाती है जहां बबल के बाहर किसी से संपर्क आसानी से न हो। इसमें रहने वाले खिलाड़ियों को बाहरी निश्चित जगह पर जाने की इजाजत होती है। खिलाड़ियों, स्टाफ, और चिकित्सा कर्मियों के लिए अलग-अलग जैव-सुरक्षित क्षेत्र बनाए जाते हैं और फिर सभी को अपने निश्चित क्षेत्रों में ही रहना पड़ता है।

अगर बबल से बाहर निकले तो...

खिलाड़ियों को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही हिदायत दे दी जाती है कि बबल से बाहर ना निकलें। हालांकि, अगर कोई विशेष परिस्थिति में बाहर जाना चाहता है तो उसे इजाज मिल जाती है। लेकिन दोबारा बबल में लौटना बेहद मुश्किल होता है। अगर मैंनेजमेंट अनुमति दे तो क्वारनटीन रहकर बबल में लौटना पड़ता है। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद ही ऐसा किया जा सकता है। वहीं, बीसीसीआई के मुताबिक, अगर कोई बायो बबल तोड़ता है तो वो कोड ऑफ कंडक्ट का दोषी माना जाएगा।

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