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योगी सरकार में अपराधियों की आई शामत, अब तक 122 दुर्दांत अपराधी ढेर

Updated Jul 12, 2020 | 11:12 IST

UP Police Encounter: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद 122 अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए हैं। सबसे ज्यादा अपराधी मेरठ जोन में मुठभेड़ का शिकार हुए।

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यूपी में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 122 अपराधी।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था कायम एवं समाज में अमन-चैन बनाने रखने में यूपी पुलिस की सख्ती की अहम भूमिका है। मार्च 2017 से योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सूबे में अब तक 122 शाति अपराधी ढेर हो चुके हैं। इनमें से कई दुर्दांत अपराधी थे जिनके सिर पर इनाम घोषित था। इस दौरान चलाए गए पुलिस अभियानों में 13 हजार से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार हुए। कानपुर एनकाउंटर के बाद से यूपी पुलिस एवं राज्य सरकार पर विपक्ष सवाल उठा रहा है लेकिन यूपी पुलिस का दावा है कि मारे गए ये सभी अपराधी समाज के लिए खतरा थे। ये अपराधी पुलिस टीम पर हमला करने एवं भागने की कोशिश करते समय मारे गए। इन मुठभेड़ों में 13 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं। 

पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 20 मार्च 2017 से लेकर 10 जुलाई 2020 तक पुलिस मुठभेड़ की 6126 घटनाएं हुईं। इन मुठभेड़ों में अब तक कुल 122 अपराधी मारे गए जबकि 2293 बदमाश घायल हुए। इस दौरान 13361 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। अपराधियों के साथ इन मुठभेड़ों में 13 पुलिसकर्मी भी शहीद और 894 पुलिसकर्मी घायल हुए। सबसे ज्यादा 59 अपराधी मेरठ जोन में मारे गए।   

कानपुर एनकाउंटर के बाद फिर सुर्खियों में आई यूपी पुलिस
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है। दो जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। इसके बाद यूपी पुलिस ने विकास और उसके साथियों को पकड़ने के लिए करीब 60 टीमें बनाईं और उनकी तलाश शुरू की। इस दौरान पुलिस मुठभेड़ों में गत गुरुवार तक विकास के छह साथी मारे गए
जबकि विकास उज्जैन लाते समय कानपुर में मारा गया। विपक्ष एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता इन मुठभेड़ों पर सवाल उठा रहे हैं। इन मुठभेड़ों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई अर्जियां दाखिल की गई हैं। 

उज्जैन में गिरफ्तार हुआ विकास
विकास के बारे में सुराग पाने के लिए उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उसके सिर पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस की दबिश के दौरान हिस्ट्रीशीटर की अंतिम लोकेशन हरियाणा के फरीदाबाद में मिलने की बात सामने आई और इसके अगले दिन विकास को उज्जैन के महाकाल मंदिर में देखा गया। मध्य प्रदेश पुलिस विकास को मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया। विकास के गिरफ्तार हो जाने के बाद उसे वापस लाने के लिए यूपी पुलिस उज्जैन के लिए रवाना हुई। उज्जैन में पूछताछ में विकास ने बताया कि वह पुलिसकर्मियों के शवों को जलाना चाहता था लेकिन समय के अभाव में उसे बिकरू गांव से अपने साथियों के साथ भागना पड़ा। उसने बताया कि अपने साथियों को अलग-अलग भागने के लिए उसी ने सलाह दी थी।

पुलिस ने कहा-आत्मरक्षा में चलाई गोली
विकास के एनकाउंटर पर यूपी पुलिस का कहना है कि यह मुठभेड़ उसके लिए कोई उपलब्धि नहीं है। पुलिस का दावा है कि वह उज्जैन से लेकर जब वापस आ रही थी तो उसके काफिले में शामिल एक गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस वाहन में पुलिसकर्मियों के साथ विकास भी था। हादसे में पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान विकास ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और वहां से भागने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ी। इस कार्रवाई में विकास घायल हो गया। जख्मी अवस्था में उसे अस्पताल भेजा गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, डॉक्टरों का दावा है कि विकास को मृत हालत में अस्पताल लाया गया।