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कानपुर के जमानत दिलाने वाले सौदागर, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 83 गैंगेस्टर बेल पाने में रहे कामयाब

Updated Mar 23, 2021 | 09:20 IST

यूपी एसआईटी की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। एसआईटी का कहना है कि जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों की जमानत के लिए फर्जी दस्तावेजों की मदद ली गई और उसे गिरोह संचालित कर रहा है।

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एसआईटी की जांच में मिली जानकारी
मुख्य बातें
  • 83 गैंगेस्टर फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमानत पाने में कामयाब रहे।
  • 83 में से 38 की हुई दोबारा गिरफ्तारी, 45 अपराधियों को पकड़ने के लिए दबिश
  • कुल 12 गारंटर गिरफ्तार, सात अभी भी फरार

कानपुर। यूपी के जेलों में बंद कुख्यात अपराधी जमात के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस संबंध में जैसे जैसे एसआईटी की जांच आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमानत दिलाने वालों का गिरोह काम कर रहा है। कानपुर पश्चिम के एएसपी अनिल कुमार का कहना है कि 83 में से 45 गैंगेस्टर को गिरफ्तार किया जा चुका है जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए जेल से बाहर थे। इन सभी अपराधियों की जमानत अर्जी को स्थानीय अदालत खारिज कर चुकी है। इसके साथ ही शेष 38 गैंगेस्टर को पकड़ने की कार्रवाई जारी है। 

एसआईटी जांच में खुलासा
इस मामले की जांच में जुटी एसआईटी ने पाया कि जमानत हासिल करने के लिए अलग अलग सरकारी महकमों के मुहर का इस्तेमाल किया गया। बड़ी बात यह है कि जिन अपराधियों के लिऐ इस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया उनके खिलाफ हत्या, वसूली, और डकैती के केस दर्ज हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एसआईटी ने उन गारंटर की पहचान की है जिन्होंने अपराधियों की जमानत ली थी। 

अभी तक 12 गारंटर गिरफ्तार
अभी तक कुल 12 गारंटर की गिरफ्तारी की गई है। इसके अलावा सात लोग फरार चल रहे हैं जिनकी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है। इस मामले में अभी जांच जारी है। इसके साथ ही स्थानीय अदालत से प्रार्थना की गई है जिन लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत मिली है उन्हें निरस्त कर दिया जाए। इसके साथ ही जिन अपराधियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है उसके लिए राज्य सरकार से अपील करने की प्रार्थना की गई है।