नई दिल्ली: राजस्थान के सीकर में एक स्थानीय अदालत ने एक महिला को अपने पति की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपराध में सहयोग के लिए महिला के भाई को भी दस साल की सजा सुनाई गई है। बेटी की गवाही के आधार पर महिला और उसके भाई को ये सजा सुनाई गई है। जून 2017 में महिला ने अपने पति की बांधकर हत्या कर दी थी, इसमें उसके भाई ने उसका साथ दिया था।
लोक अभियोजक किशोर कुमार सैनी ने बताया कि जिला व सत्र न्यायाधीश ज्ञानप्रकाश गुप्ता ने रेणु और उसके भाई कुलदीप गुर्जर को कन्हैया लाल (रेणु के पति) की हत्या का दोषी ठहराया। अदालत ने कन्हैया लाल उर्फ राजू गुर्जर की हत्या के जुर्म में उसकी पत्नी रेणु को आजीवन कारावास और कुलदीप को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
बेटी ने कोर्ट में दी गवाही
महिला ने पति की हत्या कर कन्हैया लाल के भाइयों पर आरोप लगा दिया था, लेकिन उसकी बेटी ने पुलिस के सामने सारा मामला रख दिया, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। बच्ची ने कोर्ट में गवाही देते हुए कहा कि पापा दुकान पर बैठे थे और शराब पीए हुए थे। मम्मी उन्हें मारते हुए लेकर आयी और कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद मम्मी ने मामा को आवाज देकर बुलाया और कहा कि आज इसका इलाज कर देते हैं। इसके बाद पापा के हाथ और पैर बांध दिए। उसने खिड़की से देखा कि वो पापा को पीट रहे थे और कमरे में खून भी फैला था। पापा चिल्ला रहे थे लेकिन मम्मी ने दातली से उन्हें मार दिया।