नई दिल्ली। कोरोना महामारी के इस दौर में जहां कुछ लोग फरिश्ता बन कर सामने आ रहे हैं तो कुछ लोग इस आपदा को अवसर के तौर पर देख रहे हैं और अपनी जेब भरने में जुट गए। राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल से ऐसा ही मामला सामने आया है। एक नर्स पर आरोप है कि उसने कोरोना से मृत शख्स की रेमडेसिविर इंजेक्शन को चुरा लिया और कालाबाजारी की हालांकि दिल्ली पुलिस ने उले गिरफ्तार कर लिया है।
आपदा में नर्स को दिखा अवसर
दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्राइवेट अस्पताल में एक नर्स कांट्रैक्ट पर काम करती थी और उसने रेमडेसिवर इंजेक्शन को चुरा लिया। नर्स ने चोरी किए रेमडेसिविर को अपने दोस्त को दे दिया और उसने भारी कीमत पर बेच दिया। पुलिस ने उसके पास से सात वाइल इंजेक्शन की बरामदगी की है। इस काम में लिप्त नर्स की दोस्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
अतिरिक्त डीसीपी (नॉर्थवेस्ट) डॉ गुरिकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि ललितेश चैहान के रूप में पहचाने गए आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो मूलचंद अस्पताल में एक संविदा नर्स के रूप में काम करता है। दिल्ली पुलिस ने उसके दोस्त शुभम पटनायक को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपना नर्सिंग अटेंडेंट कोर्स पूरा किया है। उनके सहयोगी विशाल कश्यप और विपुल वर्मा, जो IHBAS में अनुबंध के आधार पर रिकॉर्ड क्लर्क हैं।
गुप्त सूचना के बाद कार्रवाई
दिल्ली पुलिस का कहना है कि एक गुप्त सूचना के बाद रैकेट का भंडाफोड़ हुआ कि विपुल अवैध रूप से इंजेक्शन बेच रहा था। विपुल को एक COVID रोगी के परिवार के साथ सौदा करने के बाद, रेम्पेसिविर देने के लिए पीतमपुरा पहुँचना था।हमने जाल बिछाया और आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से रेमेडीसविर इंजेक्शन की दो शीशी जब्त की गई। उनकी सूचना पर अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पिछले हफ्ते में हुई थी वारदात
पिछले शुक्रवार को इसी तरह की एक घटना में, एक निजी अस्पताल की 25 वर्षीय महिला नर्स को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित कालाबाजारी के लिए पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ में एक अन्य व्यक्ति के साथ गिरफ्तार किया गया था।अन्य आरोपी की पहचान नजफगढ़ निवासी 31 वर्षीय नवीन के रूप में हुई। पुलिस ने कहा कि उन्हें नजफगढ़ में एंटीवायरल रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने वाले व्यक्ति के बारे में अधिक कीमत पर बेचने की जानकारी मिली थी।