- इंदौर में भीड़ द्वारा पीटे गए चूड़ी विक्रेता पर नाबालिग छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न का मामला दर्ज
- तस्लीम अली के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है
- इस मामले में अब खूब पॉलिटिक्स हो रही है
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक चूड़ी बेचने वाले की सरेआम बुरी तरह पिटाई की गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और पुलिस ने मामले में FIR भी दर्ज की। मामला धर्म को लेकर गलत पहचान बताने का था। 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन इस मामले में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, चूड़ी वाले तस्लीम के खिलाफ बच्ची से छेड़छाड़ समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
एसपी इंदौर आशुतोष बागड़ी ने बताया, 'चूड़ी विक्रेता (जिसे पीटा गया था) के पास दो आधार कार्ड थे- एक पर तस्लीम पुत्र मोहर अली लिखा था और दूसरे पर असलम पुत्र मोर सिंह लिखा था। उसके पास एक आधी जली हुई वोटर आईडी भी थी, जिसमें उसकी पहचान मोहन सिंह के बेटे के रूप में हुई। एक लड़की की शिकायत पर चूड़ी विक्रेता के खिलाफ कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न करने और दस्तावेजों को जाली बनाने के लिए POCSO की संबंधित धाराओं और धारा 354, 354 (ए), 420, 467, 468, और 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है।'
पुलिस ने 13 वर्षीय स्कूली छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न और दस्तावेजों की जालसाजी के आरोपों में मामला दर्ज किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कक्षा छह में पढ़ने वाली छात्रा ने बाणगंगा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि रविवार दोपहर तस्लीम अली (25) अपना नाम 'गोलू पिता मोहनसिंह' बताकर चूड़ियां बेचने उसके घर आया और उसने उसे बहुत सुंदर बताते हुए बुरी नीयत से उसके शरीर को छुआ। अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग लड़की ने शिकायत में कहा कि अली की इस हरकत को लेकर उसके शोर मचाने पर उसकी मां उसके पास पहुंची, तो चूड़ी विक्रेता उन्हें जान से मारने की कथित धमकी देकर भागने लगा, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया।
इस मामले के तूल पकड़ने के बीच राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सावन के पवित्र माह में इस शख्स द्वारा खुद को हिंदू बताकर महिलाओं को चूड़ियां बेचने से विवाद की शुरुआत हुई, जबकि वह अन्य समुदाय से ताल्लुक रखता है। गृह विभाग की रिपोर्ट है कि इंदौर में चूड़ी बेच रहे व्यक्ति (तस्लीम अली) ने स्वयं का हिंदू नाम रखा हुआ था, जबकि वह दूसरे समुदाय का है। उसके पास से इस तरह के दो (संदिग्ध) आधार कार्ड भी मिले हैं।