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रुक नहीं रहे बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध, 2014 से लेकर 2017 के बीच तेजी से बढ़ा है ग्राफ

Updated Dec 14, 2019 | 13:11 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

देशभर में होने वाले अपराधों में नाबालिगों की भागीदारी 0.67 फीसदी होती है। इसके साथ ही नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई हैं। ये आंकड़े डराने वाले हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
देश में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ बोले

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ ने देश में बढ़ रहे नाबालिग अपराधों पर खुल कर अपनी राय रखी। जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ दिल्ली के नेशनल जुवेनाइल जस्टिस कंसल्टेशन में संबोधित कर रहे थे। देश में वर्तमान में नाबालिग अपराधों की बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि साल 2014 में बच्चों और नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों का दर्ज आंकड़ा 89,423 था। उन्होंने कहा कि लेकिन ये आंकड़ा तीन सालों में बढ़कर 2017 में 1,29,000 हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि केवल 2017 में 33000 आपराधिक मामले नाबालिगों के द्वारा अंजाम दिए गए हैं जो पूरे भारत देश में कुल अपराधों का 0.67 फीसदी है। आपको बता दें कि आए दिन मीडिया में जितनी भी अपराध जगत की खबरें आती हैं उनमें अधिकतर पीड़ित या शिकार बच्चे या नाबालिग ही होते हैं।

बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों की संख्या भी कुछ डेढ़ लाख तक पहुंच चुकी है। उनके इस वक्तव्य ने 7 साल पहले दिल्ली में इसी महीने हुए निर्भया गैंगरेप की यादें ताजा कर दीं। आपको बता दें कि निर्भया गैंगरेप के दोषियों में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसकी सजा पर पूरी कानून व्यवस्था को विचार विमर्श करना पड़ा था। इसी नाबालिग ने पीड़िता के साथ सबसे ज्यादा दरिंदगी की थी जिसने उसकी जान ले ली थी।