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Crime Throwback: अवैध संबंध के शक में पति बन गया था दरिंदा, तंदूर में डालकर पत्‍नी को लगा दी थी आग

Updated May 22, 2020 | 18:23 IST

Crime Throwback 1995 tandoor kand: 3 जुलाई, 1995 की रात करीब एक बजे द‍िल्‍ली के होटल के रेस्‍तरां में तंदूर के अंदर एक शव जलाने की कोशिश की गई थी। एक पति ने अपनी पत्‍नी को जला द‍िया था।

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Naina Sahni Murder Case (1995), Tandoor Kand

Crime Throwback 1995 tandoor kand aka Naina Sahni Murder Case: 2 जुलाई, 1995 की  वह भयानक रात जब एक रेस्‍तरां से आग की लपटें न‍िकल रही थीं। इस रेस्‍तरां में इतनी देर रात खाना नहीं बन रहा था, बल्कि एक महिला का शव तंदूर में जल रहा था। भारत का इतिहास का यह एक ऐसा केस था जिसने ना केवल राजधानी दिल्‍ली को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था। अखबारों और रेडियो पर इस केस के खूब चर्चे हुए। हालांकि केस खुलने में वक्‍त नहीं लगा। जल्‍द ही आरोपी तक पुलिस के लंबे हाथ पहुंच गए थे। आइये जानते हैं क्‍या थी ये दिल दहला देने वाली वारदात-

2 जुलाई 1995 को गोल मार्केट के सरकारी फ्लैट नंबर 8/2ए में रात के साढ़े आठ बजे यूथ कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील ने अपनी पत्‍नी नैना को किसी से फोन पर बात करते हुए देखा था। सुशील को देखते ही नैना ने फोन काट दिया था। जब सुशील ने वह नंबर डायल किया तो दूसरी तरफ उसका सहपाठी करीम मतबूल था। बस सुशील गुस्‍से से आग बबूला हो गया और बिना सच्‍चाई का पता लगाए उसने रिवाल्‍वर से नैना पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। गोलियों के हमले से नैंना ने दम तोड़ दिया। इसके बाद नैंना की लाश ठिकाने लगाने के लिए सुशील को जब कुछ नहीं सूझा तो अपने ही बगिया रेस्‍तरां में तंदूर के भीतर लाश को जलाने का प्‍लान बनाया गया। 

रात के करीब एक बजे होंगे। सड़कें सुनसान हो गई थीं। आसपास के घरों में लोग चैन की नींद सो रहे थे। कनॉट प्‍लेस स्थित अशोक यात्री निवास होटल में बगिया रेस्‍तरां में तंदूर के अंदर एक शव जलाने की कोशिश की गई। नैना साहनी नाम की एक महिला की हत्‍या के बाद उसका शव तंदूर में जलाया गया था। कांग्रेसी नेता सुशील शर्मा ने अपनी पत्‍नी का पहले मर्डर किया और फ‍िर शव जलाने की कोशिश। 

वह नैंना के शव को रेस्‍तरां लेकर गया और तंदूर में डालकर आग लगा दी। नैना के शव को जलाने के लिए उन्‍होंने मैनेजर को मक्‍खन लाने भेजा था जिससे शव आसानी से जल सके। शव को तंदूर में डालने के लिए पहले उसने चाकू से शव के कई टुकडे किए थे। रेस्‍तरां से आग की लपटें निकलते देख सब्‍जी बेचने वाला अनारो चीखने लगी। वह फुटपाथ पर ही सो रही थी। अनारो की चीख सुनकर पास में गश्‍त कर रहे दिल्ली पुलिस के सिपाही अब्दुल नजीर गुंजू रेस्‍तरां पहुंचते हैं और सच्‍चाई सामने आती है। 

जब वहां पुलिस पहुंची तो नैना की लाश बुरी तरह जली हुई फर्श पर पड़ी थी। आग की गर्मी की वजह से नैना की अतड़ियां पेट से बाहर निकल आई थीं। पुलिस ने होटल के मैनेजर को पकड़ लिया था। इस मामले में सुशील को जेल हुई थी। दिसंबर 2018 में 23 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद सुशील की रिहाई हुई।