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दमन और दीव के सांसद मोहन डेलकर की डेड बॉडी मुंबई के एक होटल में मिली, सुसाइड की आशंका

Updated Feb 22, 2021 | 16:20 IST

Daman and Diu MP Mohan Delkar: दमन और दीव के सांसद मोहन डेलकर की डेड बॉडी मुंबई के एक होटल से मिली है, पहली निगाह में ये आत्महत्या का मामला लग रहा है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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डेड बॉडी दमन और दीव के सांसद मोहन डेलकर की है जो मुंबई के एक होटल से मिली है (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  •  दमन और दीव के सांसद मोहन डेलकर की डेड बॉडी मुंबई के होटल में मिली
  • मौके से एक सुसाइड नोट मिलने की बात भी कही जा रही है
  • पहली निगाह में ये मामले आत्महत्या का लग रहा है, पुलिस मामले की जांच कर रही है

मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आई है बताया जा रहा है कि वहां एक होटल में एक लोकसभा सांसद का शव मिला है, बताया गया है कि ये डेड बॉडी दमन और दीव के सांसद मोहन डेलकर की है जो मुंबई के एक होटल से मिली है। इस घटना के बाद वहां सनसनी फैल गई, मौके पर पुलिस पहुंची और मामले का गंभीरता से जांच की जा रही है।

शुरुआती जांच में ये आत्महत्या का केस बताया जा रहा है, हालांकि इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगा वहीं पुलिस मामले की जांच करने के बाद ही आगे कुछ बताने की बात कर रही है, मौके से एक सुसाइड नोट मिलने की बात भी कही जा रही है।

मोहन संजीभाई डेलकर एक भारतीय स्वतंत्र राजनेता हैं जो दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में लोकसभा सीट से संसद सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं।

डेलकर ने सिलवासा में एक ट्रेड यूनियन नेता के रूप में अपना करियर शुरू किया और यहां विभिन्न कारखानों में काम करने वाले आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। बाद में, उन्होंने आदिवासियों के लिए 1985 में आदिवासी विकास संगठन शुरू किया।

मनोहर डेलकर लगातार चुने गए सांसद

1989 में, वे दादरा और नगर हवेली निर्वाचन क्षेत्र से 9 वीं लोकसभा के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने गए। 1991 और 1996 में उन्हें उसी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में फिर से लोकसभा के लिए चुना गया।1998 में, वह फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए।

1999 और 2004 में, उन्हें लोकसभा में एक स्वतंत्र और भारतीय नवशक्ति पार्टी (BNP) के उम्मीदवार के रूप में फिर से चुना गया। 4 फरवरी 2009 वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए। 2019 में उन्होंने खुद को कांग्रेस पार्टी से अलग कर लिया और एक स्वतंत्र राजनेता के रूप में चुने गए।