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Delhi Bhajanpura Murder:रिश्तेदार ही निकला हत्यारा, चंद रुपयों के लिए परिवार के 5 लोगों को काट डाला आरियों से

Updated Feb 13, 2020 | 18:56 IST

दिल्ली के भजनपुरा में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या मामले को सुलझाने का दावा दिल्ली पुलिस ने किया है और कहा है कि हत्याार मृत परिवार का करीबी रिश्तेदार है।

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दिल्ली के भजनपुरा में बुधवार को एक ही घर से पांच लाशें मिलने से सनसनी फैल गई थी (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली का भजनपुरा इलाका बुधवार को उस वक्त थर्रा गया था जब वहां रहने वाले एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या का मामला सामने आया था, इस हत्याकांड में परिवार के ही एक करीबी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है कहा जा रहा है कि लेन-देन के विवाद को लेकर ही उसने पूरे परिवार का खात्मा कर दिया।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले को सुलझाने का दावा करते हुए कहा है कि गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम प्रभु चौधरी है उसने उधार न लौटाने पर हुई कथित बेइज्जती का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी की परिवार की महिला सदस्य से पैसों को लेकर लड़ाई हुई थी जिसके बाद उसने इस वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस इस मामले में और पूछताछ कर रही है कि उसने खुद हत्या को अंजाम दिया या किसी की मदद ली थी। गौरतलब है कि दिल्ली के भजनपुरा में बुधवार को एक ही घर से पांच लाशें मिलने से सनसनी फैल गई थी। एक ही परिवार के इन पांच सदस्यों में 3 बच्चों के शव भी थे।

इससे पहले, जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि हमलावर ने पहले पीड़ितों के सिर पर हथौड़े से वार किया और फिर शवों को आरी से काटा गया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली थी।

परिवार के पांचों सदस्यों को हथौड़ा मारकर काट दिया था आरियों से
पुलिस के मुताबिक घर के मुख्य द्वार के बाहर ताला लगा हुआ था और दो कमरों में मिली लाशें लगभग सड़ गईं थी। मरने वाले में बिहार के सुपौल के रहने वाले 43 साल के शंभुनाथ और उनकी 38 साल की पत्नी सुनीता के अलावा तीन बच्चे भी शामिल है, एक ही घर में पांच लाशें मिलने से आसपास के लोग भी दहशत में हैं।

इस घटना से लोगों के जेहन में जुलाई 2018 में हुए बुराड़ी कांड की यादें ताजा हो गईं जब एक घर में एक ही परिवार के 11 लोगों के शव लटके मिले थे। 

भजनपुरा में एक ही घर से जब बुधवार को पांच लोगों की लाशें मिली तो लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगे थे 

 कहा जा रहा था है कि परिवार में ऐसी कोई आर्थिक दिक्कत भी नहीं थी कि जिससे खुदकुशी जैसा खौफनाक कदम उठाना पड़े।