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लॉकडाउन: भंडारे में सब्जी पर हुआ विवाद, पड़ोसी ने पीट-पीट कर ले ली बुजुर्ग की जान

Updated Apr 09, 2020 | 14:04 IST

लॉकडाउन के बीच राजधानी दिल्ली में भंडारे के दौरान एक विवाद पर 65 साल के बुजुर्ग की पीट पीटकर हत्या कर दी गई। आरोपी कम सब्जी मिलने पर विवाद कर रहा था।

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कम सब्जी देने पर बुजुर्ग की हत्या
मुख्य बातें
  • लॉकडाउन के बीच राजधानी दिल्ली में एक विवाद पर बुजुर्ग की हत्या
  • भंडारे में कम सब्जी मिलने के बहाने आरोपी ने किया विवाद
  • बीच बचाव कर रहे पड़ोसी बुजुर्ग पर आरोपी ने किया हमला

नई दिल्ली: हमेशा कानून और व्यवस्था कायम रखने में ढील और प्रशासन की कमियां अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं होती हैं। कई बार परिस्थितियां और उग्र स्वभाव ऐसी घटनाओं की वजह बनते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आाय है जहां लॉकडाउन के बीच सब्जी पर हुए एक विवाद को लेकर पड़ोसी ने बुजुर्ग शख्स को पीट पीट कर मार डाला। कथित तौर पर 'भंडारा' में मुफ्त सब्जी वितरण के दौरान एक 65 वर्षीय व्यक्ति की उसके पड़ोसी ने हत्या कर दी।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बुधवार को नई दिल्ली के शाहदरा में संजय अमर कॉलोनी में हुई। पुलिस ने कहा कि आरोपी नन्हे को सब्जी कम देने के बाद उसने भंडारे के आयोजकों के साथ लड़ाई शुरू कर दी। बाद में बुजुर्ग ने बीच में दखल दिया और आरोपी को शांत करने की कोशिश की। कथित तौर पर आरोपी ने सब्जियां चुराने की भी कोशिश की।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैसे ही वरिष्ठ नागरिक ने आरोपी को समझाते हुए चोरी के खिलाफ आवाज उठाई, पड़ोसी ने उसे लाठी से पीट-पीटकर मार डाला। संजय कॉलोनी निवासी पीड़ित का बेटा मनीष सब्जी लेने के बाद घर जा रहा था और युवक का नन्हे के साथ विवाद हुआ।

इसके बाद नन्हे ने मनीष की सब्जी छीनने की कोशिश की। जब मनीष के पिता ने दोनों के बीच बचाव करने की कोशिश की तो नन्हे ने वरिष्ठ नागरिक पर हमला करना शुरू कर दिया। उसने लाठी से बुजुर्ग के सिर पर पर वार किए जिससे पीड़ित व्यक्ति घटनास्थल पर गिर गया। नन्हे सब्जियों की चोरी कर भागने में कामयाब रहा।

जब पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, तो उसे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और नन्हे की तलाश जारी है।

पीड़ित की एक बिजली की मरम्मत की दुकान थी और लॉकडाउन के दौरान भंडारे में वितरित भोजन पर निर्भर था। बुजुर्ग के बेटे के अनुसार, उनके पिता चिंतित थे कि अगर परेशानी बढ़ गई तो भंडारा आयोजक वितरण रोक देंगे और इसी वजह से उन्होंने मामले में हस्तक्षेप किया था।