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मुख्तार अंसारी पर चला कानून का 'हंटर', 23 साल पुराने मामले में पांच साल की हुई सजा

Updated Sep 23, 2022 | 17:39 IST

इससे पहले बुधवार को मुख्तार अंसारी को एक अन्य मामले में जेलर को धमकाने और पिस्तौल तानने के मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
मुख्तार अंसारी को हुई पांच साल की सजा
मुख्य बातें
  • 2020 में इसी मामले में बरी हो गए थे मुख्तार अंसारी
  • फिर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में इस फैसले को दी थी चुनौती
  • अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाई है सजा

मुख्तार अंसारी, यूपी का बाहुबली नेता...पूर्वांचल का डॉन अब जेल में सड़ने को मजबूर है। एक के बाद एक मामलों में मुख्तार अंसारी को सजा हो रही है। पिछले कई सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद हैं और अब निकलने की उम्मीद भी नहीं है।

पांच साल की सजा

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े 23 साल पुराने एक मामले में शुक्रवार को मुख्तार अंसारी को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले एक स्पेशल कोर्ट ने अंसारी को इस मामले में बरी कर दिया था। जिसके बाद यूपी सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी थी।

दो दिन पहले भी हुई थी एक मामले में सजा 

इससे पहले बुधवार को मुख्तार अंसारी को एक अन्य मामले में जेलर को धमकाने और पिस्तौल तानने के मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2003 में लखनऊ के तत्कालीन जिला जेल जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी का आदेश देने पर उन्हें धमकाया गया था। एक निचली अदालत ने इस मामले में भी अंसारी को बरी कर दिया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद हैं। मुख्तार अंसारी पर 50 से ज्यादा हत्या, धमकी समेत कई आरोपों को लेकर मामला दर्ज है। अंसारी पहली बार 1998 में चुनावी मैदान में उतरे थे, तब से वो पांच बार विधायक रह चुके हैं। 2017 में उन्होंने अपनी परंपरागत सीट बेटे को सौंप दी थी।

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