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मरने से पहले चालाकी से अहम सुराग छोड़ गया जांबाज पुलिसकर्मी, उसी से पकड़े गए अपराधी

Updated Jul 07, 2020 | 19:13 IST

हरियाणा पुलिस का एक कांस्टेबल मरने से पहले ऐसा काम कर गया, जिससे अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सके। उसने अपने हाथ पर गाड़ी का नंबर लिख लिया था।

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पुलिस ने 6 अपराधियों की पहचान की
मुख्य बातें
  • 30 जून को हरियाणा के सोनीपत में दो पुलिसकर्मियों की हत्‍या कर दी गई थी
  • रात में गश्त करने के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ, दोनों की मौत हो गई
  • एक पुलिसकर्मी ने हाथ पर अपराधी की कार का नंबर लिख लिया

नई दिल्ली: अपराधियों द्वारा मरने से पहले हरियाणा पुलिस का एक जवान ऐसा काम कर गया जिससे पुलिस को हत्यारों तक पहुंचने में मदद मिल गई। दरअसल उस पुलिसकर्मी ने मरने से पहले अपने हाथ पर अपराधी की कार का नंबर लिख लिया था। हरियाणा के सोनीपत जिले में पिछले सप्ताह रात में गश्त ड्यूटी के दौरान दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) कप्तान सिंह और कांस्टेबल रविंदर सिंह 30 जून की तड़के सोनीपत जिले के बुटाना के पास गोहाना-जींद मार्ग पर मृत पाए गए थे।

इन दोनों पुलिसकर्मियों पर तब हमला किया गया जब वे रात में कर्फ्यू के दौरान सोनीपत जिले के बुटाना इलाके में एक सार्वजनिक स्थान पर कार में शराब पी रहे लोगों के एक समूह से पूछताछ कर रहे थे। वारदात के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया। इस मामले में अब 6 आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। एक आरोपी मारा गया है।

'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, आरोपियों का पता इसलिए आसानी से लगाया जा सका, क्योंकि मृतक पुलिसकर्मियों में से एक ने अपने हाथ पर उनकी कार का नंबर नोट कर लिया था। मामले के विवरण का खुलासा करते हुए एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा, 'आरोपियों ने 29 जून की शाम को जींद से शराब और भोजन खरीदी। इसके बाद उन्होंने अपनी कार सोनीपत के बुटाना में एक पार्क के पास रोक दी। दो पुलिसवाले, जो मोटरसाइकिल पर थे उस इलाके से गुजर रहे थे। वे रुक गए और आरोपियों से पूछताछ करने लगे।'

उन्होंने बताया, 'इसी दौरान रविंदर सिंह ने उनकी कार का नंबर अपने हाथ पर लिख दिया, ताकि अगर आरोपियों ने मौके से भागने की कोशिश की तो उन्हें गाड़ी के नंबर से पकड़ा जा सके। हालांकि, अपराधियों ने चाकू जैसे धारदार हथियार से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। लंबी लड़ाई के बाद दोनों अधिकारियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।' एसपी रंधावा ने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान कॉन्स्टेबल रविंदर सिंह के हाथ पर सुराग देखा गया। 

इसके बाद कार नंबर से कार को ट्रेस किया गया और यह पाया गया कि वाहन का मालिक जींद निवासी गुरमीत है। जांच करने पर पता चला कि उसने मुख्य आरोपी संदीप को कार बेची दी थी। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने उसी दिन संदीप को पकड़ने का प्रयास किया और उसे हिरासत में ले लिया।

उसने पुलिस के सामने कबूल किया और अन्य आरोपी विकास और अमित के बारे में बताया। दोनों को पकड़ने के लिए एक पुलिस टीम जो कि जींद जिले में गई थी उस पर हमला किया गया, जिससे चार पुलिसवालों को चोटें आईं। मुठभेड़ में अमित मारा गया। पुलिस ने छह आरोपियों की पहचान की जिनमें से संदीप और दो महिलाओं को पहले गिरफ्तार किया गया था। 7 जुलाई को दो और आरोपी गिरफ्तार किए गए।