- यूपी एटीएस ने दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर हमले की साजिश को टाला
- स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी लखनऊ,अन्य शहरों में हमला करना चाहते थे आतंकी
- फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है पुलिस, लखनऊ के आसपास तलाशी अभियान जारी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की एटीएस ने रविवार को आतंकवादी संगठन अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद के दो संदिग्ध आंतकवादियों को गिरफ्तार कर बड़े हमले की साजिश का पर्दाफाश किया। एटीएस का कहना है कि ये दोनों आतंकवादी स्वतंत्रता दिवस के आसपास सिलसिलेवार बम धमकों की साजिश रच रहे थे। यूपी एटीएस ने मिनाज अहमद (32) को लखनऊ के बाहरी इलाके काकोरी से गिरफ्तार किया जबकि उसका एक दूसरा साथी मसीरूद्दीन (50) उर्फ मुशीर मडिआंव से गिरफ्तार हुआ।
आईआईडी लगा प्रेशर कूकर बरामद
मिनाज के घर से प्रेशर कूकर में आईईडी और 9एमएम की देसी पिस्टल बरामद हुई। जांचकर्ताओं के मुताबिक दोनों आरोपी पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर सक्रिय अल-कायदा के आतंकवादी उमर हलमंदी के सपर्क में थे। उमर के निर्देशों पर वे राजधानी में हमले की साजिश रच रहे थे। बताया जाता है कि उमर भारत में अल-कायदे के आपरेशंस को हैंडल करता है। पुलिस मिनाज के पड़ोसी शकील की तलाश में है।
एडीजी कानून-व्यवस्था आतंकी संगठन के बारे में बताया
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि अल-कायद कई देशों में फैला है। इसकी स्थापना साल 1988 में ओसामा बिन लादेन और अब्दुल्ला आजम ने सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 3 सितंबर 2014 को अल जवाहिरी ने भारतीय उप महाद्वीप के लिए अपने संगठन की घोषणा की। इसका सरगना मौलाना आसिम उमर को बनाया गया। आसिम उमर का संबंध उत्तर प्रदेश के संबल जिले से था जो कि साल 2019 में अफगानिस्तान में मारा गया। अब यह मॉड्यूल पेशावर/क्वेटा इलाके से उमर हलमंदी चलाता है।
आतंकी संगठन में युवकों को भर्ती करता था उमर
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक कुमार ने कहा, 'उमर उत्तर प्रदेश के युवकों को बरगलाकर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करता था.। हलमंदी गिरफ्तार संदिग्धों एवं अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लखनऊ सहित कई शहरों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। ये 'मानव बम' का इस्तेमाल करने की भी साजिश रच रहे थे।'
मुखबिर की मिली सूचना पर एटीएस ने काम करना शुरू किया
एडीजी ने बताया, 'हमने एक मुखबिर से मिली सूचना पर काम करना शुरू किया और इसके बाद एटीएस की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तारी किया। एक आरोपी के घर से आईआईडी लगी प्रशेर कूकर बरामद हुआ। बम निरोधक दस्ते ने इस बम को निष्क्रिय किया।'
अन्य आरोपियों की तलाश जारी
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस निरीक्षक एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया, 'पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके साथ अपने घरों से भाग गए हैं। गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों के साथियों को दबोचने के लिए एटीएस स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर लखनऊ और उसके आस-पास के इलाकों में दबिश दे रही है।' गोस्वामी ने बताया कि आरोपी पिछले एक साल से एजीएच से जुड़े थे। ये सोशल मीडिया के जरिए अपने आकाओं से बातचीत करते थे।
मिनाज के परिवार से पूछताछ
गोस्वामी ने कहा, 'हमने इन संदिग्ध आतंकवादियों की बातचीत पकड़ी। बातचीत में पता चला कि ये शीघ्र ही आतंकी हमलों को अंजाम देना चाहते थे। मिनाज के परिवार के कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रेशर कूकर में आईआईडी को मसीरूद्दीन के घर में तैयार किया गया था और हमला करने के लिए इसे मिनाज के घर लाया गया।'
मसीरूद्दीन की मां ने बेटे को निर्दोष बताया
मसीरूद्दीन की मां शाहीजहान का कहना है कि उसका बेटा प्रॉपर्टी से जुड़ा काम करता था लेकिन कोरोना संकट के बाद वह ई-रिक्शा चलाने लगा। उसने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हमारे पास खदरा में एक पुराना घर था जिसे हमने पिछले साल बेच दिया। इसके बाद हम मोहिबुल्लाहपुर के एक मकान में रहने लगे।' शाहीजहान ने कहा कि उसका बेटा निर्दोष है और वे गरीब हैं।
बैटरी की दुकान चलाता था मिनाज
काकोरी के स्थानीय निवासी जवाद का कहना कि आरोपी मिनाज बैटरी की दुकान चलाता था। जबकि उसकी पत्नी एक निजी संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर है। मिनाज के पिता विकास भवन से क्लर्क के रूप में रिटायर हुए हैं। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि मिनाज एक निजी संस्थान में लैब असिस्टेंट के रूप में काम कर चुका है। बाद में वह वाहनों की बैटरी के कारोबार में आ गया। एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि मिनाज की पत्नी उससे अलग हो गई थी।