नई दिल्ली: मंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 20 जनवरी को एक बैग में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) मिला था। इस संबंध में संदिग्ध आदित्य राव ने बंगलुरु पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। मंगलुरु पुलिस की जांच टीम उससे पूछताछ करने के लिए बेंगलुरु के लिए उड़ान भर रही है। 36 साल का आदित्य बुधवार सुबह डीजी और आईजीपी कार्यालय में पहुंचा और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार राव ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उसने हवाई अड्डे के परिसर में विस्फोटक लगाया और ऐसा उसने बदला लेने के लिए किया। कथित तौर पर उसने बताया कि 2018 में केम्पेगौड़ा अंतराराष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) में एक सुरक्षा अधिकारी की नौकरी के लिए उसे अस्वीकार किया गया था। इसी के लिए हवाई अड्डे के अधिकारियों से बदला लेने के लिए उसने ऐसा किया। इसने 2018 में भी KIA में और केएसआर रेलवे स्टेशन में बम होने की फर्जी कॉल की थी, जिसके बाद इसे गिरफ्तार भी किया गया था। राव के खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं।
राव ने बताया कि उसने समाचार पत्रों और रीजनल चैनलों में खुद को सीसीटीवी कैमरे में कैद होते हुए देखा। मंगलुरु के एक होटल में राव ने विस्फोटक तैयार किया था।
उसे पूछताछ के लिए हलासुर्गेट पुलिस स्टेशन से एक अलग जगह पर स्थानांतरित किया जा रहा है। बेंगलुरु के वरिष्ठ अधिकारी उससे पूछताछ कर सकते हैं और बाद में उसे मंगलुरु पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
आरोपी एक इंजीनियरिंग स्नातक और एमबीए धारक है। उसने सुरक्षा अधिकारी के रूप में विभिन्न निजी फर्मों, होटलों और मठ में काम किया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि उसने विस्फोटक कहां से खरीदा और उसने इसे कैसे सीखा। दूसरी ओर मंगलुरु पुलिस ने एक होटल का पता लगाया था जिसमें राव ने हाल ही में काम करना शुरू किया था। कर्मचारियों ने कथित तौर पर कहा था कि उसने ऑनलाइन के माध्यम से सफेद सीमेंट खरीदा था।
सोमवार को हवाई अड्डे के प्रवेश मार्ग पर सीआईएसएफ के एक जवान को एक ऐसा बैग मिला था जिसमें विस्फोटक सामग्री थी। बाद में इसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया। पुलिस ने इसकी भी जांच की कि घटना और बम की धमकी वाली कॉल के बीच क्या कोई संबंध है। टर्मिनल प्रबंधक को किसी ने फोन करके कहा कि बेंगलुरु जाने वाली इंडिगो की उड़ान में कुछ विस्फोटक हो सकता है। उन्होंने कहा कि उसके बाद उड़ान से सारे यात्रियों को उतरने को कहा गया। विमान की तलाशी के लिए बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया और जांच के बाद पाया गया कि यह कॉल फर्जी है।