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Kanpur Encounter case: चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी निलंबित, 'तो हालात कुछ और होते'

Updated Jul 04, 2020 | 18:34 IST

कानपुर एनकाउंटर केस में यूपी पुलिस का कहना है कि अगर चौबेपुर का थाना प्रभारी मौके से भागा न होता तो हालात कुछ और रहे होते।

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कानपुर मुठभेड़ मामले में यूपी पुलिस का बयान
मुख्य बातें
  • कानपुर मुठभेड़ केस में आठ पुलिसकर्मी हुए थे शहीद, बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी पुलिस की टीम
  • चौबेपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी निलंबित, विकास दुबे का गांव इसी थाने में आता है
  • कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल बोले, थाना प्रभारी भागा न होता तो हालात कुछ और होते

लखनऊ: शुक्रवार को यूपी की औद्योगिक नगरी से एक ऐसी मनहूस खबर आई जिससे हर कोई अवाक था कि आखिर आठ पुलिसकर्मी कैसे शहीद हो गए। विकास दुबे नाम का एक बदमाश इतना भारी पडा कि तीन थानों की पुलिस कुछ न कर सकी। अब इस मामले में चौबेपुर के एसएचओ रहे विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है। 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के लिए जिम्मेदार अपराधी विकास दुबे की तलाश में पुलिस की 25 टीमें लगी हुई हैं। 

चौबेपुर के थाना प्रभारी निलंबित
चौबेपुर थाना के एसएचओ विनय तिवारी के निलंबन पर कानपुर जोन के आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि एनकाउंटर के समय वो भाग गया। अगर उसने अपराधियों का सामना किया होता तो हालात ऐसे न हुए होते। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हर एक एंगल से जांच जारी है और गुनहगारों की किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। 

विकास दुबे को पकड़ने की मुहिम तेज
कानपुर में पुलिसकर्मियों के शहीद होने की खबर के बाद महकमे में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि 1981 के बाद इस तरह का कोई मामला सामने आया जिसमें एक बदमाश को पकड़ने वाली पुलिस टीम पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया गया और बदमाश फरार हो गए। सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि तीन थानों की टीम एक बदमाश को ढेर नहीं कर पाई। इस घटना के बाद पूरा महकमा सक्रिय हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी की कीमत पर गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ नहीं होने दी जाएगी। 



शक के दायरे में चौबेपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी
चौबेपुर थाना के बिकरू गांव में जिस तरह के पुलिस पार्टी को विकास दुबे की गैंग ने निशाना बनाया गया एक सवाल लोगों के मन में था कि कि कहीं न कहीं कोई ऐसा शख्स है जिसने विकास को जानकारी दी थी। ऐसा नहीं हो सकता है कि पुलिस की पार्टी किसी बदमाश को पकड़ने के लिए जाए और इस तरह से हमला हो जाए। तस्वीरें गवाही देती हैं कि किस तरह से जेसीबी मशीन को गांव तक जोड़ने वाली सड़क पर खड़ा कर दिया था। तीन थानों की टीम पहुंची और जेसीबी के एक किनारे से विकास दुबे के घर की तरफ जाने लगी और अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई और उस समय चौबेपुर के थाना प्रभारी मौके से फरार हो गए