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Lakhimpur Case: बदायूं कांड की याद दिलाती है लखीमपुर खीरी के ये घटना, जानें 8 साल पहले क्या हुआ था

Updated Sep 15, 2022 | 12:21 IST

Lakhimpur Dalit Sisters Case: यूपी पुलिस ने कहा कि लखीमपुर खीरी में जिन दो नाबालिग दलित बहनों की लाश मिली है, उनके साथ बलात्कार हुआ है और उन्हें लटकाने से पहले गला घोंट दिया गया था।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
लखीमपुर में बदायूं जैसे कांड
मुख्य बातें
  • तब अखिलेश यादव की सरकार थी और आज योगी आदित्यनाथ की
  • 28 मई 2014 को पेड़ पर लटकी मिली थी दो लड़कियों की लाश
  • लखीमपुर खीरी में भी दो सगी बहनों की पेड़ पर लटकी मिली है लाश

Lakhimpur Dalit Sisters Case: बदायूं कांड याद है...या भूल गए...? एक बार फिर से वैसा ही कांड लखीमपुर खीरी में हुआ है। वही लखीमपुर खीरी जहां किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी। अब उसी इलाके में दो सगी दलित बहनों की लाश पेड़ से लटकी मिली है। रेप और मर्डर की ये घिनौनी वारदात से देश हिल गया है। यही कारण है कि योगी सरकार ने इस घटना पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या था बदायूं कांड

सन् 2014, तारीख 28 मई...बदायूं के कटरा इलाके में दो लड़कियों के शव आम के पेड़ से लटके मिले थे। रिश्ते में दोनों चचेरी बहनें थीं और नाबालिग थीं। लाश मिलने से एक दिन पहले शौच के लिए गईं थीं, जिसके बाद वो लापता हो गईं। घरवाले खोजने के लिए निकले, पुलिस के पास गए, लेकिन निराशा हाथ लगी। अगली सुबह लाश मिली। रेप के बाद हत्या की बात कही गई। पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में रही और उन्हें आरोपियों के साथ मिले होने की बात भी कही गई। 

कभी हां, कभी ना

इस मामले को लेकर कई दावे हुए। सपा की राज्य भी सरकार थी। एसआईटी जांच का गठन हुआ। रेप की बात आरोपियों ने स्वीकार ली। साथ ही पुलिस के कुछ जवान भी एसआईटी की रडार पर आए। इसी बीच मामले को लेकर हंगामा होते रहा, दिल्ली से लेकर लखनऊ तक में रैलियां, प्रेस कांफ्रेंस, विरोध प्रदर्शन होते रहे। इसके बाद अखिलेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई एक अलग ही ऐंगल लेकर आई कि रेप नहीं हुआ है। लड़कियों की हत्या भी नहीं की गई। लड़कियों ने खुदकुशी की थी। आरोपी जमानत पर रिहा हो गए और कोर्ट में मामला पेंडिग है। 

तब अखिलेश और अब योगी की सरकार

लखीमपुर की इस घटना से योगी सरकार के समय में भी अखिलेश राज की यादें ताजा हो गईं। बीजेपी भले ही कानून-व्यवस्था को लेकर कितना भी दावा कर ले, लेकिन लखीमपुर जैसी घटना सरकार पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करेगा। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है।

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