मंगलूरु (कर्नाटक) : कोरागज्जा स्थित एक मंदिर के दान पात्र में आपत्तिजनक वस्तुएं रखने के मामले में पुलिस ने मंगलूरु से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान जोकाट्टे के रहने वाले अब्दुल रहीम एवं तौफीक के रूप में हुई है। इन दोनों युवकों ने अपने साथी नवाज की मौत हो जाने के बाद अपना गुनाह कथित रूप से कबूल किया है। मंदिर को अपवित्र करने में नवाज भी शामिल था।
मंदिर को अपवित्र करने की घटना पर आक्रोशित हुए लोग
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मंदिर को अपवित्र किए जाने का मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा हो गया। लोग दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। थोड़ी देर के इलाके में तनाव भी पैदा हो गया था। हालांकि, बुधवार रात दोनों युवकों ने मंदिर के पूजारी के समक्ष अपना अपराध कबूल कर लिया। इसके बाद वे पुलिस के पास चले गए।
दोस्त की अचानक हुई मौत से डरे दोनों
बताया जा रहा है कि अब्दुल रहीम और तौफीक अपने दोस्त नवाज की अचानक हुई मौत के बाद से डर गए। दोस्त की मौत हो जाने के बाद उन्होंने अपना अपराध कबूल करने और पुलिस के पास जाने का मन बनाया। बीमारी के चलते नवाज की हालत जब गंभीर हो गई तो उसने दोनों से कथित रूप से स्वामी कोरागज्जा के समक्ष अपना अपराध कबूल करने के लिए कहा। स्वामी कोरगज्जा को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। कुछ समय बाद तौफिक का स्वास्थ्य भी नवाज की तरह तेजी से गिरने लगा।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
रिपोर्टों के मुताबिक मंगलूरु के पुलिस कमिश्नर एन शशि कुमार ने कहा, 'मंदिर को अपवित्र करने की घटना में नवाज भी शामिल था। वह कथित रूप से काला जादू भी करता था। जब नवाज बीमार हुआ तो उसने अपने साथियों से अपना अपराध कबूल करने की बात कही।' आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत केस दर्ज हुआ है। पुलिस घटना की सीसीटीवी फुटेज एवं अन्य साक्ष्य एकत्रित करने में जुटी है।