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Nainital: हैवानियत की हदें लांघीं! मछली विक्रेता की रॉड से निकाल ली आखें, मुफ्त में मछली देने किया था मना 

Updated Nov 12, 2021 | 15:21 IST

Nainital Crime : यह घटना नैनीताल के टोक नरतोला गांव में बीते दो नवंबर की है। मछली विक्रेता भगवान सिंह पाडियार को इलाज के लिए हल्द्वानी के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उसने गत बुधवार को दम तोड़ दिया। 

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
नैनीताल में हुई दिल को दहलाने वाली घटना।
मुख्य बातें
  • नैनीताल के टोक नरतोला गांव में बीते दो नवंबर को हुई यह घटना
  • मुफ्त में मछली देने से इंकार करने पर आरोपियों ने निकाल ली आंखें
  • घायल अवस्था में कई दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझता रहा मछली विक्रेता

नैनीताल : नैनीताल में दिल दहलाने वाली एक घटना हुई है। यहां मुफ्त में मछली देने से इंकार करने पर चार स्थानीय लोगों ने वहशीपन की सभी हदें पार कर दीं। आरोप है कि इन चारों युवकों ने मछली विक्रेता को पहले बुरी तरह पीटा। इसके बाद स्टील के रॉड से उसकी आंखें निकालीं और फिर उसे दो मंजिला इमारत से नीचे धक्का दे दिया। यह घटना नैनीताल के टोक नरतोला गांव में बीते दो नवंबर की है। मछली विक्रेता भगवान सिंह पाडियार को इलाज के लिए हल्द्वानी के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उसने गत बुधवार को दम तोड़ दिया।

पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गांव में कानून-व्यवस्था बनाए रखने लिए जिम्मेदार राजस्व पुलिस ने चंचल सिंह, खुशहाल सिंह, सुनील जोशी और भूपाल सिंह के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। इन चारों के खिलाफ शिकायत भगवान सिंह के चाचा गणेश सिंह ने दर्ज कराई है। 

अब नियमित पुलिस करेगी केस की जांच

रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि इस केस को नियमित पुलिस के पास भेजा जाएगा। टोक नरतोला गांव में पाडियार मछली की दुकान चलाते थे। पाडियार के रिश्तेदारों ने बताया कि वह दो नवंबर को करीब सात बजे अपनी दुकान बंद कर रहे थे तभी चार युवक वहां आए और मुफ्त में मछली देने की मांग करने लगे। 

आंखें निकालने के बाद छत से धक्का दे दिया

भगवान सिंह ने उन्हें मुफ्त में मछली देने से इंकार कर दिया। इसे लेकर विवाद हुआ। इसके बाद चारों युवकों ने रॉड एवं नुकीले हथियार से उन पर हमला कर दिया। आरोपियों ने उनकी आंखें निकाल ली। इसके बाद वे उन्हें खींचकर एक मकान की छत पर ले गए और वहां से नीचे धक्का देकर भाग गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें हल्द्वानी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कई दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।