- 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,78,236 मामले दर्ज हुए
- 2019 में बलात्कार के कुल 32,033 केस और हत्या के 79 मामले सामने आए
- पिछले 10 सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 44 प्रतिशत का इजाफा हुआ
नई दिल्ली : हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के खिलाफ लोगों के खिलाफ गुस्सा है और वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर चिंता जताई जा रही है। इस बीच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2018-19 देश में हुए अपराधों पर अपना आंकड़ा जारी किया है। रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी नहीं आई है। आंकड़ों के अनुसार देश में 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,78,236 मामले दर्ज हुए।
भारत में प्रतिदिन हत्या के 79 मामले
आंकड़ों के अनुसार 2019 में बलात्कार के कुल 32,033 केस दर्ज हुए जो साल भर के दौरान महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कुल मामलों का 7.3 प्रतिशत था। नए सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2019 में भारत में प्रतिदिन हत्या के औसतन 79 मामले दर्ज किए गए। 2019 में हत्या के कुल 28,918 मामले दर्ज किए गए जो 2018 (29,017 मामलों) की अपेक्षा 0.3 प्रतिशत कम है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में इजाफा
रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में वृद्धि हुई है। साल 2019 में प्रतिदिन बलात्कार के औसतन 87 मामले दर्ज हुए और साल भर के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,05,861 मामले दर्ज हुए जो 2018 की तुलना में सात प्रतिशत अधिक हैं। रिपोर्ट के मुकाबिक पिछले साल रेप के सर्वाधिक मामले राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए हैं। राजस्थान में रेप के करीब 6000 मामले और इसके बाद उत्तर प्रदेश में 3065 केस दर्ज हुए। दोनों ही राज्यों में यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि पाई गई है। उत्तर प्रदेश में बलात्कार की जितनी घटनाएं सामने आई हैं उनमें 18 प्रतिशत शिकार महिलाएं दलित समुदाय से हैं जबकि राजस्थान में यह प्रतिशत नौ है।
गत 10 सालों में रेप के 3,13,289 केस सामने आए
एनसीआरबी का डाटा कहता है कि पिछले 10 सालों में लड़की अथवा महिलाओं के खिलाफ अपराध में 44 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। आंकड़े के मुताबिक 2010 से 2019 के बीच देश भर में रेप के 3,13,289 केस सामने आए।