- निर्भया के चार दोषियों में से दो विनय शर्मा और मुकेश कुमार ने फांसी सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी
- दोनों के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया मांगने का विकल्प है
- चार लोगों को 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई
नई दिल्ली : 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में आज (मंगलवार) को दोषी करार दिए गए दो लोगों द्वारा दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच सुनवाई की। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में वर्तमान में चार दोषियों में से दो विनय शर्मा (26) और मुकेश कुमार (32) ने फांसी सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी।
क्यूरेटिव याचिका कानून की अदालतों द्वारा दोषी व्यक्ति को उपलब्ध अंतिम और फाइनल न्यायिक उपाय होता है। अब दोनों के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया मांगने का विकल्प है। विनय शर्मा और मुकेश कुमार की समीक्षा याचिकाओं पर जस्टिस एन वी रमना, अरुण मिश्रा, आर एफ नरीमन, आर बनुमथी और अशोक भूषण की पांच जजों की बैंच सुनवाई की। सभी उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिकाओं की तरह, दलीलों को चेंबर में सुना गया।
विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पांच जजों की बेंच में दो जज जस्टिस बनुमथी और भूषण शामिल सुप्रीम कोर्ट की उस बेंच का हिस्सा थे जो 2017 में मूल रूप से निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में दोषियों की सजा बरकरार रखी और चारों दोषियों के लिए मौत की सजा पुष्टि की थी।
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि यह मेरे लिए बड़ा दिन है। मैं सात साल से संघर्ष करती आ रही हूं। लेकिन सबसे बड़ा दिन 22 जनवरी को होगा। जब दोषियों को फांसी दी जाएगी।
सुनवाई से पहले निर्भया की मां आशा देवी ने उम्मीद जताई थी कि अदालत दोनों बलात्कारियों की दलीलों को खारिज कर देगी। उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका (क्यूरेटिव याचिका) दायर की है। मुझे पूरी उम्मीद है कि उनकी याचिका आज खारिज कर दी जाएगी। उन्हें 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी और' निर्भया' को न्याय मिलेगा।
दिल्ली की एक अदालत ने उनके नाम पर डेथ वारंट जारी करने और 22 जनवरी को फांसी की सजा का ऐलान करने के बाद विनय और मुकेश ने शीर्ष अदालत में एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। उनके अलावा, पवन और अक्षय नाम के दो अन्य दोषियों को भी उसी दिन सुबह 7 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल परिसर में फांसी दी जाएगी।
इन लोगों ने16 दिसंबर, 2012 की रात को देश की राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी। पीड़िता, जिसे बाद में निर्भया नाम दिया गया। उसने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया, जहां उसे इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया था।