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रूसी हैकर्स, 6 से 8 लाख की रकम और हो जाता था खेल, ऑनलाइन एग्जाम मामले में खुलासा

Updated Jan 06, 2022 | 13:14 IST

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन परीक्षा हैंकिंग गिरोह के बारे में जब खुलासा किया तो सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं। पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्य रूसी हैकर्स की मदद लेते थे।

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रूसी हैकर्स, 6 से 8 लाख की रकम और हो जाता था खेल, ऑनलाइन एग्जाम मामले में खुलासा

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े ऑनलाइन परीक्षा हैकिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों पर आरोप है कि वो कथित तौर पर देश भर में जीमैट और जेईई प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवारों को धोखा देने में मदद कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने रूसी हैकर्स को काम पर रखा था जिसने परीक्षा केंद्रों पर दूर से कंप्यूटर हैक करने के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया था। सॉफ्टवेयर इस तरह से विकसित किया गया था कि प्रॉक्टर द्वारा इसका पता नहीं लगाया जा सकता था।

करोड़ों में कमाई
दिल्ली पुलिस के मुताबिक गिरोह ने जेईई परीक्षा के लिए एक उम्मीदवार से 8-10 लाख रुपये और जीमैट परीक्षा के लिए 6-8 लाख रुपये लिए और  50-60 करोड़ रुपये की कमाई की। जेईई परीक्षा हैकिंग घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है।10 दिनों में दिल्ली पुलिस ने घोटाले में शामिल हैकर्स, परीक्षा सॉल्वर, प्रशिक्षकों और कोचिंग संस्थान के मालिकों को गिरफ्तार किया। अभी भी एक आरोपी की सीबीआई और हरियाणा पुलिस भी तलाश कर रही है। मुख्य आरोपी राज तेवतिया 2019 से कथित तौर पर रैकेट चला रहा है। पुलिस का कहना है कि वो हैकर्स से मिलने के लिए रूस गया थाऔर सॉफ्टवेयर स्थापित करने के लिए लॉकडाउन के दौरान भारत बुलाया था। 

ऐसे होता था खेल
डीसीपी,साइबर सेल केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि जांच से पता चलता है कि गिरोह ने 500 से अधिक उम्मीदवारों को जेईई और अन्य प्रवेश परीक्षाओं को पास करने में मदद की और 18 उम्मीदवारों ने जीमैट परीक्षा पास की। यह गिरोह GMAT, IBM, CCISO, JEE और अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं में प्रवेश दिलाने का दावा करते थे। एसीपी रमन लांबा के नेतृत्व में एक टीम ने पहले हैकर्स से संपर्क किया जो जीमैट परीक्षा को पास करने के लिए मदद मांगने वाले उम्मीदवार के रूप में सामने आए। उसने पैसे का भुगतान किया और एक स्लॉट बुक किया। टेस्ट के लिए आरोपी ने परीक्षा केंद्र पर लैपटॉप तक पहुंच प्राप्त करने के लिए 'अल्ट्राव्यूअर' नामक एक सॉफ्टवेयर का लिंक भेजा। लैपटॉप की पहुंच तब एक सॉल्वर को दी गई जिसने परीक्षा में सही उत्तर देकर उम्मीदवार की मदद की।

पुलिस अधिकारी ने एक उम्मीदवार के रूप में इन लोगों की मदद से 800 में से 780 अंक प्राप्त किए। इसके बाद आरोपियों की लोकेशन को ट्रेस करना शुरू किया गया। 1 जनवरी को मुंबई के माहिम से तीन लोगों - ए धुन्ना, एस धुना और एच शाह को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें उम्मीदवारों से बात करने और उनके लैपटॉप को हैकर्स से जोड़ने में मदद करने का काम सौंपा गया था। तीन लोगों से पूछताछ की गई और उन्होंने अन्य सदस्यों की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने के गोयल को दिल्ली से गिरफ्तार किया। वह पीतमपुरा में एक कोचिंग सेंटर चलाता है और उसे कथित तौर पर "सॉल्वर" की व्यवस्था करने का काम सौंपा गया था जो उम्मीदवारों की मदद कर सकता था।