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Piyush Jain: अहमदाबाद से निकले सुराग तब जाकर खुला पीयूष जैन की 'काली कमाई' का राज, जानें कब क्या हुआ

Updated Dec 28, 2021 | 11:30 IST

Piyush Jain cash recovery : दरअसल, कैश के इस 'काले खेल' से परदा शायद नहीं उठा होता अगर अहमदाबाद में ट्रक नहीं पकड़े गए होते। इन ट्रकों में पान मसाला था। इन ट्रकों में 200 से ज्यादा इनवॉइस यानी बिल मिले।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
कानपुर में इत्र कारोबारी के घर से बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ है।
मुख्य बातें
  • 21 दिसंबर को अहमदाबाद में चार ट्रक पकड़े गए, ये ट्रक गणपति रोड कैरियर्स के थे
  • फर्जी इनवॉइस मिलने के बाद कानपुर में पान मसाला कारोबारी के यहां छापे पड़े
  • पान मसाला कारोबारी के यहां पड़े छापे के बाद पीयूष जैन का कनेक्शन सामने आया

कानपुर : इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से कैश, सोने-चांदी के बिस्किट, ज्वैलरी की बरामदगी देखकर लोग दंग और हैरान हैं। इसे देश में कैश की सबसे बड़ी बरामदगी बताई जा रही है। जैन के घर से करीब 194 करोड़ रुपए की नकदी, 23 किलोग्राम सोना और 600 किलोग्राम सैंडवुड तेल और अन्य चीजें बरामद हुई हैं। इस 'कालेधन' की बरामदगी के बाद पीयूष जैन को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दरअसल, कैश के इस 'काले खेल' से परदा शायद नहीं उठा होता अगर अहमदाबाद में ट्रक नहीं पकड़े गए होते। इन ट्रकों में पान मसाला था। इन ट्रकों में 200 से ज्यादा इनवॉइस यानी बिल मिले। ये सभी बिल 50 हजार से कम के थे। ट्रक गणपति ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन का था। प्रवीण जैन, पीयूष जैन का रिश्तेदार बताया जाता है। फिर DGGI की टीम सक्रिय हुई। फर्जी बिल और पीयूष जैन का कनेक्शन मिलता चला गया। उसके बाद छापेमारी शुरू हुई।  

दिसंबर 21 : जीएसटी इंटेलिजेंस ने अहमदाबाद में चार ट्रक पकड़े। ये सभी ट्रक गणपति रोड कैरियर्स के थे। इन ट्रकों में शिखर पान मसाला और तंबाकू थे। इन ट्रकों ने जीएसटी का भुगतान नहीं किया था। जांच में पता चला कि ये ट्रक कानपुर के एक तंबाकू उत्पादक के गोदाम से निकले थे। जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने पाया कि गणपति रोड कैरियर्स माल की ढुलाई के लिए फर्जी इन्वॉइस का इस्तेमाल करता है। माल की आपूर्ति जीएसटी के भुगतान के बिना किया गया है। जीएसटी से बचने के लिए माल की कीमत 50 हजार रुपए से कम दिखाई जाती थी। 

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दिसंबर 22 : तंबाकू बनाने वाले एक कारोबारी के परिसर की जांच के दौरान यह पाया गया कि गणपति रोड कैरियर्स के ट्रकों की मदद एवं फर्जी इन्वॉयस के जरिए माल एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाए गए। ट्रांसपोर्टर फर्जी इन्वॉइस के जरिए माल दूसरे शहर भेजता था। तंबाकू उत्पादों को बनाने वाले कारोबारी ने टैक्स के रूप में केवल 3.09 करोड़ रुपए अदा किए थे। इसके बाद जीएसटी की टीम ने कानपुर एवं कन्नौज में छापे की कार्रवाई शुरू की। कानपुर के आवासीय परिसरों से 177.45 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई। जबकि कन्नौज के ओडोचेम इंडस्ट्री के परिसरों से 17 करोड़ रुपए जब्त हुए। इत्र बनाने में इस्तेमाल होने वाले सैंडवुड ऑयल को छिपाकर रखा गया था। सैंडवुड ऑयल 600 किलोग्राम था।

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दिसंबर 25, 26 : जांच के दौरान जी साक्ष्य एवं चीजें बाहर निकलकर सामने आईं उनके आधार पर डीजीजीआई के अधिकारियों ने ओडोचेम इंडस्ट्री के पार्टनर पीयूष जैन से पू्छताछ शुरू की। इस पूछताछ में जैन ने कबूला कि जो जीएसटी से बचाकर ये कैश छिपाकर रखा गया था। इस कबूलनामे के बाद जैन को गिरफ्तार कर लिया गया। जैन की गिरफ्तारी सीजीएसटी एक्ट की 132 के तहत हुई है। 

इत्र कारोबारी पीयूष जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, छापेमारी में घर से मिले थे 257 करोड़ रुपए

दिसंबर 27 : भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जैन को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कारोबारी जैन के घर से जब्त स्वर्ण पर विदेशी मार्किंग होने के नाते इस मामले की जांच में डीआरआई भी उतर गया। अब पता चला है कि कारोबारी की अन्य लोगों के साथ संपर्कों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी करेगा। ईडी धन के स्रोत के बारे में पता लगाएगा।