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Rape: अस्पताल में भर्ती युवती से किया था रेप, दो पुलिसकर्मियों और डॉक्टर को मौत तक जेल में रहने की सजा

Updated Nov 23, 2019 | 14:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Gang rape in Hospital: पीड़िता पीलिया के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी लेकिन ड्यूटी पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों और डॉक्टर ने उसके साथ गैंगरेप किया। जिसके बाद पीड़िता ने सुसाइड कर लिया।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
अस्पताल में गैंगरेप करने पर आजीवन कारावास (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रायपुर: तीन सरकारी कर्मचारियों को रेप के मामले मौत तक आजीवन कारावास की सजा मिली है। कारावास की सजा पाने वाले तीनों लोगों पर साल 2014 में एक 20 साल की युवती के साथ रेप करने के मामले दोषी करार दिया गया है। बाद में भिलाई में पीड़िता ने आत्महत्या कर ली थी।

अतिरिक्त सरकारी वकील कमल किशोर वर्मा ने मामले पर टीओआई से बात करते हुए कहा कि शुक्रवार को पांचवे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने कहा कि डॉक्टर गौतम पंडित और पुलिसकर्मी सौरभ भक्त (33), चंद्रप्रकाश पांडे (33) की ड्यूटी पीड़िता को बचाने की थी लेकिन उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म और अन्य कई तरह के अपराध किए।

जज ने कहा कि यह बेहद जघन्य अपराध हैं और इसके बाद पीड़िता ने फांसी लगाकर खुदकुशी भी कर ली। ऐसे मामले में सजा देने में कोई भी कोताही नहीं बरती जा सकती। जज ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी और साथ ही कहा अपराधी अपना बचा हुआ पूरा जीवन जेल में ही बिताएंगे।

आईपीसी की धारा 376 (2) (b), 376 (D) के अलावा आरोपियों पर  506 (B) भी लगाई गई। एक पुलिसकर्मी सौरव भक्त को धारा 315 के तहत भी दोषी ठहराया गया। सौरव भक्त पर बीते समय में एक 8 वर्षीय बच्ची से भी रेप करने के आरोप लग चुके हैं लेकिन इसे मामले में पहले उसे बरी कर दिया गया था।

अदालत ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव को पीड़िता के परिवार को एक लाख रुपए का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। सुपेला के शास्त्री हॉस्पिटल में 2014 में पीलिया होने पर लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इसी दौरान दोनों पुलिसकर्मियों व डॉक्टर ने पीड़िता के साथ 19 जून 2014 को गैंगरेप किया था। रेप पीड़िता को मामले की शिकायत करने पर एमएमएस सोशल मीडिया पर लीक करने की धमकी भी दी गई थी जिसके बाद उसने सुसाइड कर लिया।