नई दिल्ली: कहते हैं कि जब कोई परेशान होता है तो अपने घर वालों के अलावा सबसे पहले पड़ोसी मदद के लिए आगे आता है। पड़ोसी वक्त गुजरने के साथ परिवार का ही एक हिस्से तरह लगने लगता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक पड़ोसी ही मुसीबत का सबसे कारणा बन गया। पड़ोसी दंपत्ति ने सिर्फ तीन साल के मासूम बच्चा का अपहरण कर लिया बल्कि फिरौती के तौर पर 20 लाख रुपए की मांग की। पुलिस ने पड़ोसी दंपत्ति के साथ-साथ अपहरण में शामिल उनके एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया है।
चप्पलों के नीचे फिरौती की पर्ची दबाई
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने वारदात को आठ मई को अंजाम दिया। दरअसल, राजेंद्र नाम के एक शख्स का लड़का युवान उर्फ गोलू घर के बाहर खेलते समय अचानक गायब हो गया। उसकी चप्पलों के नीचे 20 लाख रुपए की फिरौती मांगे जाने की पर्ची दबी मिली थी। लॉकडाउन के कारण चारों ओर नाकाबंदी थी इसलिए अपहर्ताओं के उस इलाके से बाहर जाने की आशंका कम थी। पकड़े जाने का खतरा देख अपहर्ताओं ने घबराकर अगले दिन तड़के गोलू को सादाबाद रोड पर स्थित तंबका गांव के मंदिर पर छोड़ दिया।
कर्ज में डूबा हुआ है दंपत्ति
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि बच्चा पड़ोसी अमित और मधु के यहां खेलने गया था। सख्ती से पूछताछ हुई तो सारा भेद खुल गया। पड़ोसी दंपत्ति ने गुनाह कुबूल लिया। पता चला कि वे दोनों कर्ज में डूबे हुए थे, इसीलिए इस जुर्म को अंजाम दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि इस अपराध में अमित का भाई वीनू और मामा का लड़का विशाल भी शामिल था। विशाल को पकड़ लिया गया है जबकि वीनू की तलाश की जा रही है। अमित और मधु का एक वर्षीय बेटा भी उनके साथ जेल में है क्योंकि उसकी सुपुर्दगी लेने वाला कोई भी व्यक्ति परिवार में नहीं बचा है।