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सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में दो और गिरफ्तारी, गुजरात में अरेस्ट हुआ शूटर संतोष जाधव

Updated Jun 13, 2022 | 07:23 IST

Sidhhu Moosewala Murder Case : सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने हत्याकांड के दो आरोपियों संतोष जाधव एवं नवनाथ सूर्यवंशी को गिरफ्तार किया है। संतोष जाधव की गिरफ्तारी पुणे से हुई है। जाधव के करीबी नवनाथ भी गिरफ्तार हुआ है।

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सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में दो और गिरफ्तारी हुई है।

Sidhhu Moosewala Murder Case : सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने हत्याकांड के दो आरोपियों संतोष जाधव एवं नवनाथ सूर्यवंशी को गिरफ्तार किया है। पुणे की ग्रामीण पुलिस ने जाधव को गुजरात से गिरफ्तार किया। उसे रविवार रात मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। उसे 20 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। हत्या मामले में गिरफ्तार सौरभ महाकाल ने जाधव के बारे में बताया था जिसके बाद ये गिरफ्तारी हुई है। पहले बताया जा रहा था कि जाधव नेपाल भाग चुका है। इन गिरफ्तारियों के बाद समझा जाता है कि पुलिस जल्द ही इस हत्याकांड से परदा उठा देगी।

सूत्रों का कहना है कि पुलिस के अनुसार सिद्धेश कांबले उर्फ सौरव उर्फ महाकाल ने महाराष्ट्र के इन दोनों शूटरों-संतोष जाधव एवं नवनाथ सूर्यवंशी का परिचय लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कराया था। पुलिस के मुताबिक इन दोनों ने ही मूसेवाला पर गोलियां चलाईं। इससे पहले महाकाल ने पूछताछ में बताया कि उसने बिश्नोई गैंग के सदस्य विक्रम बराड़ से शूटरों को मिलवाया था।  

गत 29 मई को हुई मूसेवाला की हत्या
बता दें कि गत 29 मई को हमलावरों ने मानसा जिले में पंजाबी सिंगर की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद से हमलावर फरार हैं। पंजाब पुलिस की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस भी इस हत्याकांड की जांच में जुटी है। मूसेवाला की हत्या में कई गैंगस्टरों की मिलीभगत सामने आई है। पुलिस कई एंगल से इस हत्याकांड की जांच कर रही है।  

प्रत्येक को 3 लाख रुपये मिले
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि सिद्धेश हीरामन कांबले उर्फ सौरव उर्फ महाकाल, जिन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में पुणे में गिरफ्तार किया गया था। उसने महाराष्ट्र के दो निशानेबाजों को लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हिस्सा बताया है। पुलिस ने इसके अलावा, यह भी उल्लेख किया कि कांबले ने उन्हें बिश्नोई के सहयोगी, विक्रम बराड़ को शूटर के रूप में पेश किए जाने की सूचना दी थी। उन्हें प्रत्येक को 3 लाख रुपये में काम पर रखा गया था और उन्हें परिचय के लिए 50,000 रुपये भी मिले थे।