- विकास दुबे 10 जुलाई को एनकाउंटर में मारा गया
- विकास दुबे को 9 जुलाई को मध्य प्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किया गया था
- विकास दुबे से जुड़े कई लोगों को पुलिस ने पकड़ा है
नई दिल्ली: पुलिस एनकाउंटर में मारा गया कानपुर का गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उसके गांव बिकरू में उसे गिरफ्तार करने गई पुलिस पर उसने हमला कर दिया, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इसके बाद सामने आया कि उसे पुलिस से पहले ही पता चल गया था कि उसके यहां छापेमारी होने वाली है। इसी के चलते वो पुलिस पर हमला करने को तैयार था। अब एक और ऑडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि इसमें वो जिससे बात कर रहा है, वो चौबेपुर थाने का तत्कालीन दारोगा विनय तिवारी है।
'नवभारत टाइम्स' की खबर के अनुसार, ऑडियो में सुना जा सकता है कि विकास दुबे कहता है कि चाहे जिंदगीभर फरारी रहना पड़े, इतना बड़ा कांड करूंगा कि जानेगा कि किससे पाला पड़ा है। अगर पूरी जीप न मर गई। एक-एक का खून कर दूंगा। वह कहता है कि जेल काटूंगा आजीवन। वह आगे कहता है कि विकास दुबे का शिकार होगा। मार नहीं लूंगा तब तक घर नहीं लौटूंगा।
इससे समझा जा सकता है कि वह किस तरह पहले से ही पुलिसकर्मियों पर हमला करने की योजना बना चुका था। पुलिस के अंदर उसकी किस तरह पेंठ थी। उस तक हर तरह की खबरें पहले से ही पहुंच रही थीं।
विनय तिवारी को किया था गिरफ्तार
विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने के आरोप में बाद में कानपुर चौबेपुर थाने के एसएचओ रहे विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके साथ ही के के शर्मा की भी गिरफ्तारी हुई। इस संबंध में कानपुर के एसएसपी दिनेश प्रभु का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर यह पाया गया है कि विनय तिवारी और के के शर्मा ने छापे से पहले विकास दुबे को जानकारी दी थी। इसकी वजह से वो अलर्ट हो गया। दबिश देने वाली इस साजिश से अंजान थी और उसका नतीजों यह हुआ कि 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
इतना ही नहीं आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने चौबेपुर पुलिस स्टेशन में पूरे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए। साथ ही पुलिस स्टेशन के सभी 68 पुलिस कर्मियों को जिला लाइनों में भेज दिया गया।