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उज्जैन पुलिस की वीडियो क्लिप: विकास दुबे के एनकाउंटर, पुलिस की मंशा पर उठे सवाल

Updated Jul 10, 2020 | 11:46 IST

Vikas Dubey encounter : कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एनकाउंटर जिन परिस्थितियों में हुआ है उसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच उज्जैन पुलिस का एक वीडियो क्लिप सामने आया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कानपुर में विकास दुबे के मुठभेड़ पर सवाल उठे।
मुख्य बातें
  • उज्जैन से विकास दुबे को लेकर कानपुर आ रही यूपी एटीएस
  • कानपुर के पास उसके काफिले का एक वाहन पलट गया
  • पुलिस का कहना है कि विकास ने वहां से भागने की कोशिश की

नई दिल्ली : हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे हैं। कानपुर क्षेत्र में सुबह तड़के साढ़े छह बजे के करीब विकास का एनकाउंटर जिन परिस्थितियों में हुआ उसे लेकर पुलिस के इरादे पर संदेह व्यक्त किए जा रहे हैं। इस बीच, उज्जैन पुलिस का अप्रमाणित एक ऑडियो-वीडियो क्लिप सामने आया है। इस वीडियो में एक पुलिस अधिकारी अपने साथी पुलिसकर्मियों से कहता है, 'मैं उम्मीद करता हूं कि विकास दुबे सुरक्षित ना पहुंचे।' पुलिस विकास दुबे के एनकाउंटर के पीछे जो थ्योरी बता रही है उस पर आशंका व्यक्त की जा रही है। पुलिस का दावा है कि एटीएस के काफिले में शामिल वाहन के पलटने के बाद विकास ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। 

पुलिस का दावा-विकास ने भागने की कोशिश की
पुलिस का कहना है कि उसने विकास को रोकने की कोशिश की लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। गाड़ी पलटने से चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। सड़क पर गाड़ी पलटने की वजह से करीब 100 मीटर की दूरी पर विकास का एनकाउंटर हुआ है। बताया जा रहा है कि यूपी पुलिस का काफिला सड़क के बीच लेन में चल रहा था। अगर वाहन पलटा भी तो वह सड़क के किनारे कैसे पहुंच गया। उज्जैन से यूपी पुलिस की टीम विकास को लेकर सादे कपड़ों में निकली थी लेकिन घायल अवस्था में जो पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे वे सभी वर्दी में थे। ऐसे में सवाल इस पर भी उठ रहे हैं। 

विकास के सीने में चार गोलियां लगीं
दूसरा यूपी पुलिस विकास को उज्जैन से टाटा सफारी में लेकर रवाना हुई लेकिन जो गाड़ी पलटी है वह टीयूवी कार है। रास्ते में विकास की गाड़ी बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? तीसरा यदि कोई मुजरिम पुलिस गिरफ्त से भागता है और पुलिस को यदि गोली चलाने की जरूरत महसूस होती है तो फायरिंग अपराधी के कमर से निचले हिस्से या पैर को निशाना बनाकर की जाती है। बताया जा रहा है कि विकास के सीने में चार गोलियां लगी हैं। 

विकास के छह साथी भी एनकाउंटर में मारे गए
कानपुर एनकाउंटर मामले में विकास और उसके छह सहयोगी मारे गए हैं। इन सभी एनकाउंटर की कहानी लगभग एक जैसी है। पुलिस पहले अपराधी को गिरफ्तार करती है और फिर उसे वाहन में बिठाकर निकलती है। अपराधी किन्ही वजहों से भागने की कोशिश करता है और फिर मुठभेड़ में वह मार गिराया जाता है। जानकारी के मुताबिक सुबह साढ़े छह बजे के करीब यूपी एटीएस का काफिला कानपुर के एक टोल प्लाजा से गुजरा। इसके बाद छह बजकर 40 मिनट के करीब वाहन के पलटने की बात सामने आई है। इन 10 मिनटों में क्या हुआ इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। 

सवालों के घेरे में यूपी पुलिस
वहीं, इस एनकाउंटर को लेकर यूपी सरकार और पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष के नेताओं ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है'। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और टीएमस की नेता महुआ मोइत्रा ने भी पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।