- आधार, बैंक पास बुक, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कॉर्ड आदि अपराधियों के निशाने पर होते हैं।
- सोशल मीडिया अकाउंट भी अपराधियों के निशाने पर होते हैं।
- कानपुर, सूरत, लखनऊ, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली जैसे शहर साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं।
What Is Identity Theft: बंगलुरू, कानपुर, लखनऊ, सूरत जैसे शहर साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। इन शहरों में अपराधी लोगों की पहचान चोरी (Identity Theft) कर रहे हैं। साइबर अपराध में यह ट्रेंड तेजी से उभर रहा हैं। और इसका ज्यादातर भोले-भाले से लेकर सेलिब्रेटी तक हो रहे हैं। जो हर रोज इंटरनेट की दुनिया में बदलते साइबर अपराध के तरीकों से अनजान हैं। Identity Theft में अपराधी लोगों के आधार नंबर से लेकर दूसरे पहचान के प्रूफ चुरा लेते हैं। और उसके बाद उसके जरिए दूसरे अपराध करते हैं।
इन शहरों में सबसे ज्यादा मामले
पहचान चोरी के मामलों को देखा जाय तो साल 2021 में चार हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले बंगलुरू शहर में दर्ज हुए हैं। यहां पर 1600 से ज्यादा मामले पहचान चोरी के दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा कानपुर, सूरत, लखनऊ, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली जैसे शहर साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं।
शहर | पहचान चोरी के मामले |
बंगलुरू | 1212 |
कानपुर | 119 |
हैदराबाद | 47 |
जयपुर | 43 |
लखनऊ | 41 |
कर्नाटक में सबसे ज्यादा मामले
पहचान चोरी के मामले पूरे देश में 4047 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें कर्नाटक में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके बाद असम, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के लोग शिकार हुए हैं।
राज्य | पहचान चोरी के मामले |
कर्नाटक | 1764 |
असम | 487 |
झारखंड | 338 |
उत्तर प्रदेश | 314 |
गुजरात | 225 |
देश | 4047 |
स्रोत: NCRB
क्या होती है Identity Theft और कैसे होता है नुकसान
पहचान चोरी यानी किसी अपराधी द्वारा किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी हासिल करना होता है। और फिर हासिल की गई पहचान के जरिए अवैध लेनदेन, उसका क्रेडिट रिकॉर्ड खराब करना, सामाजिक छवि खराब करने से लेकर कई तरह के नुकसान पहुंचाए जा सकते हैं। पहचान चोरी करने वाले व्यक्ति बैंक खाता ,क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट , पैन कार्ड, आधार कार्ड की जानकारी हासिल करते हैं।
इसमें उनके लिए आसान हथियार फेंके हुए पेपर होते हैं। कई बार हम अपने आधार, बैंक पास बुक, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कॉर्ड आदि की कई सारी फोटो कॉपी कराते हैं। और कुछ समय बाद वह फेंक भी दिए जाते हैं। अपराधी इन पर नजर रखते हैं। इसके अलावा हैकर कॉरपोरेट डाटाबेस को एक्सेस करने की भी कोशिश करते हैं। आज कल पहचान चोरी का एक आम जरिया सोशल मीडिया अकाउंट भी बन रहे हैं। जहां से जानकारी हासिल लोगों के अकाउंट हैक किए जा रहे हैं। और फिर फिरौती तक मांगी जा रही हैं। इसमें कई सेलिब्रेटी भी फंस जाते हैं।