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Patna : भारत को लेकर बेहद खतरनाक हैं अतहर-जलालुद्दीन के इरादे, दस्तावेज से हुए सनसनीखेज खुलासे

Updated Jul 14, 2022 | 09:48 IST

Patna terror Module : पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से बुधवार को गिरफ्तार पीएफआई के दो संदिग्धों के बारे में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इनके पास से बरामद पंपलेट में देश के मुसलमानों को भड़काने एवं उनमें जहरीली सोच भरने वाली बातें कही गई हैं।

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मुख्य बातें
  • पटना के पास फुलवारी शरीफ से पुलिस ने दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया
  • इन दोनों आरोपी पीएफआई से जुड़े हैं, ये युवाओं को बरगलाकर आतंक के रास्ते पर भेज रहे थे
  • पुलिस का कहना है कि इनके संगठन को पाकिस्तान, बांग्लादेश और केरल से फंडिंग मिली है

Patna terror Module : पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से बुधवार को गिरफ्तार पीएफआई के दो संदिग्धों के बारे में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इनके पास से बरामद पंपलेट में देश के मुसलमानों को भड़काने एवं उनमें जहरीली सोच भरने वाली बातें कही गई हैं। फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने इस आंतकी मॉड्यूल के आठ पन्ने का दस्तावेज 'इंडिया विजन 2047' के बारे में बताया है। दस्तावेज में बहुसंख्यक हिंदुओं के बारे में नफरत फैलाया गया है। बरामद दस्तावेज बताता है कि इनके इरादे बेहद खतरनाक थे। गिरफ्तार परवेज अतहर और जलालुद्दीन धर्म के नाम पर मुस्लिम युवाओं को बरगलाकर आतंक के रास्ते पर ढकेल रहे थे। हैरान करने वाली बात यह है कि जलालुद्दीन झारखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर रह चुका है। 

भारत को इस्लामी देश बनाने के मकसद से काम कर रहे थे
पुलिस का कहना है कि ये अपनी संस्था के जरिए लंबे समय अपनी गतिविधियां चला रहे थे। इन गतिविधियों को लेकर पुलिस इन्हें पहले चेता चुकी थी। बरामद पंपलेट में मुसलमानों से डूब मरो और शर्म करने की बात कही गई है। मुसलमानों से भड़काते हुए कहा गया है कि वे नबी की शान पर कब बोलेंगे। इस संस्थान में आतंकी गतिविधियों के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही थी।

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पाक-बांग्लादेश से होती थी फंडिंग
पाकिस्तान, बांग्लादेश और देश के अलग-अलग राज्यों से इनकी फंडिंग होती थी। संस्था के लोग 2047 तक भारत को इस्लामी देश बनाने के मकसद से काम कर रहे थे। पुलिस अब इस बात की जांच करेगी बीते सालों में यहां से प्रशिक्षित युवाओं को कहां-कहां भेजा गया है और इनके नेटवर्क में कौन-कौन लोग हैं। इन लोगों की नापाक सोच है कि मुस्लिम आबादी का 10 प्रतिशत भी अगर पीएफआई के साथ आ जाता है तो बहुंसख्यक आबादी को घुटने पर लाते हुए इन्हें मुसलमान बनाया जा सकता है।