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MP: थाने में पत्रकार व साथियों को निर्वस्त्र करने के मामले पर CM शिवराज ने मांगी रिपोर्ट, दो पुलिस अधिकारी सस्पेंड

Updated Apr 08, 2022 | 07:46 IST

मध्य प्रदेश के सीधी जिले की पुलिस ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी के मामले में सीएम शिवराज सिंह ने रिपोर्ट मांगी है। पत्रकार और उसके साथियों के थाने में कपड़े उतरवाए और फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।

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मुख्य बातें
  • विधायक के खिलाफ खबर लिखने पर सीधी पुलिस ने पत्रकारों के कपड़े उतरवा दिए
  • फोटो हुए वायरल तो एक्शन में आई सरकार, दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर थाना प्रभारी और एसएचओ को लाइन हाजिर करने के आदेश जारी

सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी में जेल में पत्रकार और साथियों के साथ बदसलूकी के मामले पर सीएम शिवराज ने रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने एसपी को जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं इस मामले पर एसएचओ ने अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से कम कपड़ों में रखा गया था। एक पत्रकार और उसके कुछ साथियों को हिरासत में लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार की तस्वीरें वायरल होने के बाद दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

एसएचओ की अजीब दलील

सीधी थाने के एसएचओ के मुताबिक कुछ लोगों को प्रदर्शन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था जिसमें एक पत्रकार भी था। लेकिन थाने में इन लोगों कपड़े उतार कर रखा गया था। इन लोगों ने सिर्फ अंडर वियर पहना हुआ था। यही तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसके बाद कार्रवाई की गई। अब इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिपोर्ट भी मांगी है। SHO मनोज सोनी ने कहा, पकड़े हुए लोग पूरे नग्न नहीं थे। सुरक्षा की दृष्टी से उनको हवालात में अंडरवियर में रखते हैं, जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले. सुरक्षा से हम उनको ऐसे रखते हैं।

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पुलिस का एक्शन

इस मामले पर IG रीवा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा इसको गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी कोतवाली सीधी एवं एक उप निरीक्षक को तत्काल हटा कर पुलिस लाइन संबद्ध किया गया है एवं प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

पत्रकार ने बताई आपबीती

पत्रकार कनिष्क तिवारी के मुताबिक उन्होंने सत्ताधारी दल के विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ खबर लिखी। थाने में बस कपड़े ही नहीं उरवाये गए, परिसर में जुलूस भी निकाला गया। कनिष्क ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों विधायक के खिलाफ खबरें लिखी थीं। थाने से तस्वीरें विधायक और उनके बेटे को भेजी गईं। पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को 18 घंटे थाने में रखा और पीटा। 

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