इंदिरापुरम पुलिस ने एक ऐसी गैंग का भांडा किया है, जिसने एक नहीं 2 नहीं 10 हजार से भी ज्यादा लोगों को सिर्फ एक फोन कॉल के जरिए ठगा। सरकारी पदों से रिटायर हुए कईं बड़े अधिकारियों को EPF निकालने का झांसा देकर इस गैंग ने करोड़ों लूट लिए। इस साल जब कोविड को कंट्रोल करने के दौरान लगे लॉकडाउन में कैसे इस गैंग ने हजारों लोगों को अपना निशाना बनाया TIMES NOW नवभारत की EXCLUSIVE रिपोर्ट से जानें:
EPFO यानि की Employees प्रोविडेंट फंड। आपकी कमाई का वो हिस्सा जो हर महीने आपकी सैलरी से कटता है। ये पैसा रिटायरमेंट के बाद आपके बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा होता है। इन पैसों की मदद से ही आप रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन आराम से गुजारते हैं लेकिन आपकी मेहनत की इस कमाई पर भी पड़ गई है ठगों की नजर। अब आपका Employees प्रोविडेंट फंड भी आ गया है इन ठगों के निशाने पर। गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने एक गैंग का भांडा फोड़ किया है। इस गैंग ने 10 हजार से ज्यादा रिटायर्ड सरकारी अधिकारियों को Employee provisional fund वापस दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की है। इस रैकेट के तार हिंदुस्तान के कईं शहरों से जुड़े हुए हैं।
इंदिरापुरम पुलिस की हिरासत में 3 आरोपी हैं, उनमें से एक का नाम है राहुल और दूसरे आरोपी का नाम है घनश्याम। राहुल और घनश्याम ही इस गैंग के मुखिया हैं। पिछले 9 साल से ये गिरोह एक्टिव है और पिछले 9 साल में हजारों लोगों को लगाया है चूना। जांच में ये साफ हुआ है कि इस गैंग ने फर्जा नाम पर काफी बैंक एकाउंट खोले थे। इन सभी खातों की जानकारी और दस्तावेज राहुल के पास ही रहते थे। इस गैंग ने कुछ टैली कॉलर को भी नौकरी पर रखा था, जो रिटायर्ड सरकारी अधिकारियों को फोन करते थे। टैली कॉलर महिला फोन पर लोगों को कहती थी कि आपको EPF पर इतना टैक्स देना होगा।
इस साल जब लॉकडाउन लगा तो ये गैंग काफी एक्टिव रहा। बुजुर्ग लोग उस दौरान घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, जिसका इस गैंग ने पूरी तरह से फायदा उठाया। टैली कॉलर एक लिंक भेजते थे, जिस लिंक पर लोगों से भुगतान करने के लिए कहा जाता था। बाद में इस पैसे को ये अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे। इस गैंग ने गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र और बंगाल में कई रिटायर्ड अधिकारियों को निशाना बनाया। इस गैंग ने जिन हजारों लोगों को निशाना बनाया उनमें से एक हैं ONGC से रिटायर्ड हुए नीरज शर्मा, जो कैंसर पीड़ित हैं, हाल ही में इनका एक बड़ा ऑपरेशन भी हुआ है। लॉकडाउन के दौरान इन्हें पैसे की जरुरत थी, और उसी दौरान ये इस गिरोह के झांसे में आ गए। इस गिरोह ने नीरज शर्मा से कुल 11 लाख रुपय लूटे। जब उन्होंने उसी नंबर पर बाद में कॉल किया तो उन्हें इस बात की जानकारी लगी कि उनके साथ हुआ है एक बड़ा धोखा। नीरज शर्मा की ही शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस एक्शन में आई और इस गैंग का भांडाफोड़ किया।
गैंग के 3 लोगों को तो पुलिस ने पकड़ लिया है। इनसे पुलिस ने काफी रकम भी बरामद की है, जिसे प्रक्रिया के तहत लोगों को वापस किया जाएगा। साथ ही अलग-अलग शहरों की पुलिस इस गैंग से जुड़े हर आरोपी को भी ढूंढने में लगी है।