नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान दिल्ली पुलिस के 35 अधिकारियों को उनकी सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इनमें से 16 अधिकारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए तीन को राष्ट्रपति पुलिस पदक और 16 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिया गया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मनीषी चंद्रा, सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) गोविंद शर्मा, इंस्पेक्टर विनय कुमार, इंस्पेक्टर संजय गुप्ता, इंस्पेक्टर राजेश कुमार, इंस्पेक्टर कैलाश सिंह बिष्ट, और धर्मेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर रविंदर जोशी और विनोद बडोला, एएसआई शिव यादव, एसआई अजयबीर सिंह, एसआई देवेंद्र सिंह, सब-इंस्पेक्टर (एसआई) बनय सिंह और दिवंगत इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा (मरणोपरांत) को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
विशेष पुलिस आयुक्त (इंटेलीजेंस) राजेश खुराना, एएसआई महेश सिंह यादव और एएसआई भूपेंद्र सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। वहीं डीसीपी अमित रॉय, डीसीपी अनिल कुमार लाल, डीसीपी मोहम्मद इरशाद हैदर, एसीपी निर्मला देवी, एसीपी कैलाश चंद्रा, एसीपी राजेश गौर, एसीपी चंद्र कांता, इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार, राकेश कुमार और प्रमोद कुमार, एएसआई मंजू चौहान, एसआई निर्मला देवी, एएसआई राकेश कुमार शर्मा और एएसआई सीता राम यादव, एचसी सुधीर कुमार और मुकेश कुमार को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
वहीं 24 अक्टूबर, 2013 को खूंखार अपराधी सुरिंदर मलिक उर्फ नीतू दाबोधा के साथ मुठभेड़ के दौरान डीसीपी मनीषी चंद्रा, इंस्पेक्टर रविंदर जोशी, इंस्पेक्टर विनोद कुमार बडोला और एसआई बनय सिंह को बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया।
साल 2008 में बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मरणोपरांत सातवीं बार पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। इंस्पेक्टर शर्मा को 2009 में अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। वह जम्मू में साल 2007 में एक ऑपरेशन का हिस्सा भी थे, जहां उन्होंने और उनकी टीम ने जेईएम आतंकवादियों का सामना किया था।
हाल ही में दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त (इंटेलीजेंस) के रूप में तैनात आईपीएस राजेश खुराना को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।