नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप राजधानी दिल्ली पर ज्यादा दिखा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी में नगर निगम द्वारा संचालित 28 कोविड नामित शवदाह केंद्रों में अप्रैल माह में 9,400 से ज्यादा लोगों की कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अत्येंष्टि की गई। महामारी की शुरुआत होने के बाद राजधानी में अंतिम संस्कार का यह सर्वाधिक आंकड़ा है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक तीन नगर निगमों से प्राप्त लोगों के मौत के आंकड़े महामारी की भीषणता की ओर इशारा करते हैं।
कुल 9,423 लोगों का अंतिम संस्कार
गत एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के तहत कोविड नामित नौ शवदाह केंद्रों में 3,931 शवों की अंत्येष्टि हुई और दफनाए गए। जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 14 केंद्रों पर इस दौरान 3,978 शव जलाए गए। पूर्वी नगर निगम के कोविड शवदाह केंद्रों पर 1,523 लोगों का शवदाह हुआ। इस तरह से अप्रैल महीने में इन तीन नगर निगमों में कुल 9,423 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ।
निगम बोध घाट पर पहुंचे सबसे ज्यादा शव
अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली के निगम बोध घाट और पंजाबी बाग श्मशान घाट पर सबसे ज्यादा शव पहुंचे। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करते हुए शवों का अंतिम संस्कार हुआ। स्वास्थ्य सेवा के एक अन्य अधिकारी का कहना है कि नगर निगमों में अंत्येष्टि के आंकड़े और ज्यादा हो सकते हैं।
दूसरी लहर दिल्ली पर ज्यादा भारी पड़ी
कोरोना की दूसरी लहर दिल्ली पर ज्यादा भारी पड़ी है। संक्रमण पर रोक लगाने के लिए राजधानी में लॉकाडाउन के दौर से गुजर रही है। इस दौरान कोरोना का इलाज कर रहे अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स की कमी हो गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलना शुरू हुआ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में अब ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स की कमी नहीं है।