नयी दिल्ली: दिल्ली में कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है और लोग अपने प्रियजनों की जान बचाने के लिए बेड्स, ऑक्सीजन, आईसीयू की व्यवस्था के लिए जूझ रहे हैं वहीं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग लोगों की जान बचाने में लगे हैं, ऐसे भी लोगों की तादाद कम नहीं है जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने वाली जमात भी इस दुख की घड़ी में पीछे नहीं है।
इनके लिए बस पैसा ही भगवान है और लोगों की परेशानियां मजबूरियां कुछ भी मायने नहीं रखती हैं, दिल्ली में ऐसे ही एक एंबुलेंस सेवा का कई गुना चार्ज करने का मामला सामने आया है।
बताते है कि आरोपी एंबुलेंस चालक कंधी लाल मात्र छह किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए भारी-भरकम राशि ले रहा था। चालक के बारे में खुफिया सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जाल बिछाया।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया, 'सिपाही महेश ने चालक को फोन कॉल किया और कोविड-19 से मरे व्यक्ति की लाश नूलाइफ अस्पताल से निगम बोध घाट पहुंचाने के लिए बात की।'ड्राइवर ने कहा- लाश पहुंचाने के लिए 14 हजार रुपये लगेंगे
उन्होंने बताया, 'एंबुलेंस चालक ने बताया कि लाश पहुंचाने के लिए 14 हजार रुपये लगेंगे और पैसे देने के लिए पर्ची भेजी।' सिद्धू ने बताया कि दोनों स्थानों के बीच की दूरी करीब छह किलोमीटर है, पुलिस ने बताया कि एंबुलेंस चालक अधिक किराया ले रहा था।
उन्होंने बताया कि जमुना बाजार इलाके के रहने वाले 45 वर्षीय लाल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथियों को भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
दिल्ली में ही 4 किलोमीटर के लिए 10,000 रुपये वसूले
दिल्ली में एक एंबुलेंस संचालक ने 4 किलोमीटर के लिए 10,000 रुपये वसूले थे इस मामले को लेकर आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा ने एक बिल अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था। खबरों के मुताबिक 10,000 रुपये की रसीद डीके एम्बुलेंस सेवा द्वारा एक मरीज को दिल्ली के पीतमपुरा से फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग 4 किमी की दूरी पर ले जाने के लिए दी गई थी।
कोरोना संक्रमित मरीजों को लूटने में तमाम एंबुलेंस वाले पीछे नहीं
बिल में साफ लिखा है कि पीतमपुरा दिल्ली से फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग का किराया 10,000 लिया गया है, कोरोना संक्रमितों का शव हो या कोई कोरोना संक्रमित मरीज सभी को लूटने में तमाम एंबुलेंस वाले पीछे नहीं हैं वहीं अच्छे लोगों की कमी अभी भी नहीं है जो इस आपदा में दूसरों के लिए हर संभव मदद के लिए ना सिर्फ तत्पर दिख रहे हैं बल्कि खुलकर सहायता भी कर रहे हैं।