नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। लेकिन शाहीन बाग का प्रदर्शन चर्चा के केंद्र में है। पिछले 37 दिनों से पालियों में प्रदर्शनकारी धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह लड़ाई आर पार की है, धरना तब तक जारी रहेगा जब तक मोदी सरकार सीएए, एनपीआर और एनआरसी के बारे में ठोस ऐलान करती है। इन सबके बीच धरना स्थल पर नेताओं का आना जाना जारी है। कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह भी अपनी पत्नी के साथ मेट्रो में सवार होकर शाहीन बाग पहुंचे।
धरनास्थल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ आपसी सौहार्द को खराब करने का काम कर रही है। संविधान के खिलाफ जाकर नागरिकता संशोधन का कानून बनाया गया जिसकी कांग्रेस मुखालफत करती है। जब इस देश का चरित्र पंथ निरपेक्ष है तो किसी कानून का सांप्रदायिक करण कैसे किया जा सकता है। लेकिन यह सरकार संवैधानिक व्यवस्था को चुनौती दे रही है। उन्होंने कहा कि हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध करते हैं यह संविधान के खिलाफ है। किसी भी सरकार को यह हक नहीं है कि वो यहां रहने वालों से उनकी नागरिकता के बारे में पूछे।
इससे पहले दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल जामिया इलाके में पहुंचे थे और कहा कि या को नागरिकता संशोधन कानून को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाए या मुसलमानों को भी उसमें शामिल किया जाए। शाहीन बाग इलाके में जिस तरह से पिछले 37 दिनों से प्रदर्शन हो रहा है उस हालात में सरकार को संवाद के लिए आगे आना चाहिए। अगर बातचीत नहीं होगी तो इस विषय के समाधान का रास्ता क्या होगा। लेकिन सरकार का अड़ियल रवैया परेशानी को औक बढ़ा रहा है।