- दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या 17 हजार के पार
- सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान अगर मौतों की संख्या बढ़ती है तो वो चिंता की बात होगी
- दिल्ली में 5 जून तक 9500 बेड्स के इंतजाम की उम्मीद
नई दिल्ली। रविवार यानि 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त हो रहा है। उससे ठीक एक दिन पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रूबरू हुए। उन्होंने बताया कि किस तरह से सरकार कोरोना का सामना कर रही है। इस जंग में किस तरह की परेशानियां है, लेकिन उन सबके बीच भी हम पूरी तरह आशावान है कि इस वायरस पर विजय हासिल करेंगे।
यह है चिंता की असली वजह
अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि यह वायरस इतना जल्दी नहीं जाने वाला है क्योंकि फिलहाल वैक्सीन उपलब्ध नहीं है,लिहाजा हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा कि कोरोना के साथ ही रहना है ऐसे में स्थाई तौर पर लॉकडाउन में नहीं रह सकते हैं। यह बीमारी रहेगी और इसका इलाज जरूरी है । उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं, लेकिन उससे निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं। उन्होंने खासतौर पर 17386 का आंकड़ा देते हुए कहा कि जो 9 हजार मरीज हैं उनमें से ज्यादा तर घरों पर ही इलाज करा रहे हैं। सिर्फ 2100 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।
दिल्ली में कोरोना के आंकड़े
- दिल्ली में अब तक कोरोना संक्रमितों की तादाद 17386
- इलाज के दौरान 7846 लोग हुए ठीक
- कोरोना संक्रमण की वजह से 398 लोगों की मौत
दिल्ली सरकार की तरफ से पर्याप्त इंतजाम
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों नें केस तेजी से बढ़े चिंता की बात लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार की तरफ से जरुरत से ज्यादा इंतजाम किए गए हैं। हमारे लिए चिंता की बात मरीजों की संख्या का बढ़ना नहीं है, बल्कि अगर मौत के आंकड़ों में इजाफा होता है तो वो डराने वाली तस्वीर होगी।
उन्होंने कहा कि अगर मरीजों की संख्या 10 हजार और बेड्स 8 हजार तो यह चिंता की बात होगी। लेकिन इस समय दिल्ली में अकेले कोरोना के 6600 बेड उपलब्ध हैं। सात दिन पहले यह संख्या 4500 थी जिसमें 1500 बेड्स का इजाफा हुआ है, उम्मीद है कि पांच जून तक दिल्ली में 9500 बेड्स तैयार होंगे।