नई दिल्ली : देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर डरा रहे हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी शामिल है। यहां संक्रमण के रोजाना सामने आने वाले मामले कभी 100 से भी नीचे पहुंच चुके थे, लेकिन अब यह एक दिन में 300 से अधिक का आंकड़ा पार कर रहा है, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि यहां मई तक संक्रमण के मामले पीक तक पहुंच सकते हैं।
दिल्ली में बीते कुछ दिनों में सामने आए कोविड-19 के आंकड़ों पर गौर करें तो शनिवार को यहां 321 नए केस दर्ज किए गए। यह मार्च में लगातार दूसरे दिन रहा, जब यहां संक्रमण के मामले एक दिन में 300 से अधिक दर्ज किए गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को यहां 312 नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि तीन मरीजों की जान गई थी। कोरोना वायरस के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी के कारण संक्रमण की दर यहां 0.60 फीसदी हो गई है। संक्रमण की यह दर दिल्ली में बीते दो महीने के बाद सबसे अधिक है। इससे पहले 9 जनवरी को यहां संक्रमण दर 0.65 फीसदी थी।
विशेषज्ञों ने चेताया
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बीते कुछ समय में संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए लोगों में 'बेपरवाही' बढ़ी है। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए जरूरी मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों के पालन में कोताही शुरू कर दी है। अगर यह सब इसी तरह जारी रहा तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं। विशेषज्ञों ने अप्रैल के बाद संक्रमण के मामलों में और बढ़ोतरी और मई तक इसके पीक पर होने का अंदेशा जताया है। इसी तरह का ट्रेंड बीते साल भी देखने को मिला था, जब जनवरी में देश में पहला केस सामने आया था और मई में यह बढ़ गया था।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की बात करें तो यहां अब तक संक्रमण के कुल 6,40,815 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 6,28,117 मरीज इस घातक बीमारी की चपेट में आने के बाद ठीक हुए हैं। वहीं, इस घातक बीमारी से यहां अब तक 10,919 लोगों ने जान गंवाई है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञों ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उनका यह भी कहना है कि इम्युनिटी 5 से 6 महीने में कम हो जाती है, इसलिए उन लोगों को भी खास सतर्कता बरने की आवश्यकता है, जो पहले इसकी चपेट में आकर ठीक हो चुके हैं।