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Delhi air pollution : दिल्ली के अस्पतालों में अब हो सकेंगे निर्माणकार्य, SC ने प्रतिबंध से दी छूट

Updated Dec 03, 2021 | 12:06 IST

प्रधान न्यायाधीश (CJI) ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आपने कहा था कि आप स्कूल बंद करना चाहते हैं और इसके बाद आपने स्कूल तब खोल दिए जब राजधानी में प्रदूषण (Delhi NCR pollution) का स्तर अधिक था।

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दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण (Delhi NCR pollution) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई जारी है। दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने कहा है कि कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए वह राजधानी में अस्पतालों में निर्माण कार्य करा रही है। वह सात नए अस्पताल भी बना रही है लेकिन निर्माण कार्यों पर रोक लगने से यहां कार्य बंद हो गए हैं। दिल्ली सरकार ने कहा है कि लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा देने के लिए 19 अस्तपालों में बुनियादी संरचना से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने कोर्ट से अपील की है कि वह अस्पतालों में निर्माण कार्य होने दे। 

'आपने स्कूल तब खोल दिए जब प्रदूषण अधिक था'

प्रधान न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आपने कहा था कि आप स्कूल बंद करना चाहते हैं और इसके बाद आपने स्कूल तब खोल दिए जब राजधानी में प्रदूषण का स्तर अधिक था। इसके बाद हमने आप से स्कूल बंद करने के लिए कहा। सीजेआई ने आगे कहा कि मीडिया का एक वर्ग हमें विलेन की तरह पेश कर रहा है जैसे कि हम जबरन स्कूल बंद करवा रहे हैं। 

कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से पढ़ा गया

सिंघवी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष अदालत दिल्ली का प्रशासन अपने हाथ में लेने जा रही है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट ने इस तरह की टिप्पणी नहीं की है। कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से पढ़ा गया है। 

टास्क फोर्स अपना काम शुरू करेगी

प्रदूषण के मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने टास्क फोर्स को अपना काम शुरू करने के लिए कहा है। वहीं दिल्ली सरकार को इस बात की इजाजत दी कि वो अस्पतालों का निर्माण कार्य जारी रख सकती है। 

यूपी सरकार के वकील ने गन्ने की पेराई का मुद्दा उठाया

इस दौरान यूपी सरकार के वकील ने सिर्फ 8 घण्टे ही उद्योगों के चलने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये गन्ने की पेराई का वक्त है और किसानों का नुकसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है कि दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले उद्योग सिर्फ 8 घण्टे चलेंगे जबकि शुगर मिल के बॉयलर को 48 घण्टे सिर्फ शुरू होने में ही लगता है। इस फैसले से न सिर्फ किसान परेशान होंगे बल्कि चीनी उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि वो इस समस्या के हल के लिए आयोग के पास जाए। इसी दौरान यूपी सरकार के वकील ने दलील दी कि इन प्रावधानों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इस दौरान हवा पाकिस्तान से बहकर दिल्ली आती है पटना चली जाती है लेकिन यूपी की हवा दिल्ली नहीं जाती है। 

टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि टास्क फोर्स सोमवार से शुक्रवार रोजाना शाम 6 बजे बैठक करेगी। सभी फ्लाइंग स्क्वाड अपनी रिपोर्ट टास्क फोर्स को सौपेंगे और उस पर कार्रवाई की जा जाएगी। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अस्पतालों का निर्माण रोका जाना ठीक नहीं है। दिल्ली सरकार कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए 20 से अधिक अस्पतालों में निर्माण कार्य करा रही है। इसका समर्थन केंद्र सरकार ने भी किया। उच्चतम न्यायालय ने अस्पतालों में निर्माण कार्य की इजाजत दे दी। वहीं स्कूल के मुद्दे पर सिंघवी ने कहा कि नवम्बर में सिर्फ 15 से 16 दिन स्कूल खुले। आयोग के आदेश के बाद दोबारा स्कूल बंद कर दिए गए हैं। 

अब 10 दिंसबर को सुनवाई करेगा कोर्ट

वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि पिछले साल सुनवाई में कमीशन बना दिया गया था अब फ्लाइंग स्क्वाड बना दिया गया लेकिन सरकार कुछ नया नहीं कर रही है। आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया और सिर्फ सरकारों द्वारा बताए गए प्रयासों को लागू करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसबंर को होगी।

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