- आठ फरवरी को दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए हुआ था मतदान
- 2015 की तुलना में करीब 4 फीसद मतदान कम दर्ज हुआ, 2020 में 62.59 फीसद मतदान
- बल्लीमारन में सर्वाधिक 71.58 फीसद और दिल्ली कैंट में सबसे कम 45.36 फीसद मतदान हुआ है।
नई दिल्ली। दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए मतदाताओं की राय ईवीएम में बंद है। सुबह आठ बजे जब ईवीएम को खोला जाएगा तो तस्वीर धीरे धीरे साफ होने लगेगी कि दिल्ली की जनता का अगला निजाम कौन होने जा रहा है। औपचारिक नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी को भरोसा है कि वो एक बार फिर सरकार बनाने जा रहे हैं और इस दफा जीत का आंकड़ा 2015 से भी शानदार होगी। अगर आप को शानदार जीत की उम्मीद है तो 1999 से सत्ता से बाहर बीजेपी को भी यकीन है कि इस दफा कमल जमकर खिलेगा। इन दोनों दलों के साथ साथ कांग्रेस को उम्मीद है कि 2020 में दिल्ली की जनता ने कांग्रेस वाली दिल्ली पर भरोसा किया है।
आम तौर पर चुनावों के बाद एग्जिट पोल जारी किये जाते हैं। 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए अनुमान को सार्वजनिक किया गया और जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले नहीं थे। सभी एग्जिट पोल में यह अनुमान है कि इस दफा भी दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी ही काबिज होगी और एक बार फिर कमान अरविंद केजरीवाल के हाथों में होगी।
इसके साथ ही बीजेपी के बारे में अनुमान है कि उसके खाते में 2 से 11 सीटें जा सकती है। हालांकि कुछ चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी को 23 सीटें मिलते हुए बताया गया है। लेकिन दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि वो एग्जिट पोल का सम्मान करते हैं। लेकिन जो नतीजे आएंगे वो ह हर किसी के लिए चौंकाने वाले होंगे। बीजेपी 48 से ज्यादा सीटें जीतेगी इन सबके बीच यह भी जानना जरूरी है कि कांग्रेस का क्या कहना है।
कांग्रेस का कहना है कि उसके नारे पर दिल्ली की जनता ने ऐतबार किया है और वो सरकार बनाने जा रहे हैं। लेकिन एग्जिट पोल के साथ साथ जानकारों का कहना है कि कांग्रेस दिवास्वप्न देख रही है। एग्जिट पोल में जहां आम आदमी पार्टी को 55 फीसद मत तो बीजेपी को 35 और कांग्रेस को महज 5 फीसद मत मिलता नजर आ रहा है। जानकारों का कहना है कि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के विकास कार्यों के साथ फ्री बिजली, फ्री पानी और फ्री राइड को समर्थन दिया है, इसके साथ ही शाहीन बाग का मुद्दा बीजेपी के लिए उतना प्रभावी नहीं रहा है।
दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए शनिवार को 62.59 फीसद मतदान हुआ। उत्तर-पूर्व जिले में औसतन 68.58 फीसद मतदान हुआ जबकि नई दिल्ली जिले में औसतन 56.24 फीसद मतदान रहा।अगर विधानसभा क्षेत्रों की बात है तो मुस्लिम बहुल इलाकों में बड़े पैमाने पर मतदान हुआ। बल्लीमारन में सर्वाधिक 71.58 फीसद और दिल्ली कैंट में सबसे कम 45.36 फीसद मतदान हुआ।