- जामिया नगर के बाटला हाउस में 19 सितंबर 2008 को हुई थी मुठभेड़
- अभियान का नेतत्व कर रहे इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा गोली लगने से शहीद हुए
- इस एनकाउंटर पर खूब राजनीतिक विवाद हुआ, 10 साल बाद पकड़ा गया आरिज
नई दिल्ली : दिल्ली के बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर केस में साकेत कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को दोषी पाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने आरोपों को साबित किया है। कोर्ट अब 10 मार्च को इस केस में सजा सुनाएगा। यह एनकाउंटर राजनीतिक विवाद के लिए सुर्खियों में रहा है। साल 2008 के इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हुए। इस शहादत के लिए सरकार ने शर्मा को गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा।
आईएम का आतंकी है आरिज
आरिज आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का आतंकी है। यह दिल्ली पुलिस की वांछित सूची में शामिल था। यह 2008 में मुठभेड़ के वक्त वहां से फरार होने में कामयाब हो गया था। करीब 10 साल के बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने साल 2018 में उसे गिरफ्तार किया। कोर्ट ने खान को आईपीसी की विभिन्न धाराओं सहित आर्म्स ऐक्ट में दोषी करार दिया है। इस मामले में उसे कितने वर्षों की सजा होगी इस पर कोर्ट 10 मार्च को फैसला सुनाएगी।
एनकाउंटर पर हुआ राजनीतिक विवाद
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आरिफ और उसके सहयोगियों ने जानबूझकर इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या की। गत 19 सितंबर 2008 के इस एनकाउंटर पर खूब राजनीतिक विवाद हुआ। इस एनकाउंटर को अलग मोड़ देने की कोशिश की गई। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी और अपने बयानों से दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर संदेह पैदा करने की कोशिश की थी।
दो संदिग्ध मारे गए
जामिया नगर इलाके के बटला हाउस में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों से दिल्ली पुलिस की मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद पुलिस के हाथों मारे गए थे जबकि दो अन्य संदिग्ध सैफ मोहम्मद और आरिज खान भागने में कामयाब हो गए। एक और आरोपी जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया था। ये सभी यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले थे।