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दिल्‍ली में कोरोना मरीजों के शवों के प्रबंधन के लिए सरकार ने जारी किए निर्देश, नियम नहीं माना तो होगी कार्रवाई

Updated Jun 04, 2020 | 10:39 IST

Delhi coronavirus death: दिल्‍ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और शवों के प्रबंधन को लेकर हो रही समस्‍याओं के बीच सरकार ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
दिल्‍ली में कोरोना मरीजों के शवों के प्रबंधन के लिए सरकार ने जारी किए निर्देश, नियम नहीं माना तो होगी कार्रवाई
मुख्य बातें
  • दिल्‍ली में कोविड-19 से जान गंवाने वालों के शवों के निस्‍तारण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं
  • आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं और अस्‍पतालों की जिम्‍मेदारी तय की है
  • दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि नियमों का पालन नहीं किए जाने पर एक्‍शन लिया जाएगा

नई दिल्‍ली : कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वालों के शवों का निस्‍तारण अब भी एक बड़ी समस्‍या बनी हुई है। जहां परिजनों को इसके कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अस्‍पालों से भी डरावनी तस्वीर सामने आ रही है। पिछले दिनों दिल्ली के एलएनजेपी अस्पाताल में कई शव एक ही जगह रखे देखे गए थे, क्‍योंकि मॉर्च्‍युरी में शव रखने के लिए जगह नहीं बची थी। तमाम समस्‍याओं को देखते हुए अब राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस संबंध में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें साफ कहा गया है कि यदि शव प्रबंधन से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अस्‍पतालों की जिम्‍मेदारी तय

दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अगर कोरोना पॉजिटिव या संक्रमण को लेकर संदिग्ध व्यक्ति की मृत्यु अस्पताल में होती है या उसे मृत लाया जाता है तो यह अस्पताल की जिम्‍मेदारी होगी कि वह 2 घंटे के भीतर शव को मुर्दाघर में भेजे। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर मृत व्यक्ति का परिवार मुर्दाघर से 12 घंटे के भीतर संपर्क करता है तो अस्पताल परिजनों व नगर निगम से संपर्क कर अगले 24 घंटे में अंत्‍येष्टि का प्रबंध करे। अगर किसी व्यक्ति की मृत्‍यु के 12 घंटों के भीतर उसके परिवार के लोग मुर्दाघर से संपर्क नहीं करते तो उसके परिवार वालों को इलाके की पुलिस नगर निगम से बात कर इस बारे में सूचना देगी कि अंतिम संस्‍कार कब और कहां किया जा रहा है।

चिकित्‍सा निदेशकों की जवाबदेही

दिल्‍ली सकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अगर कोरोना पॉजिटिव या इस बीमारी को लेकर संदिग्ध व्‍यक्ति के बारे में पता नहीं चल पाता या लावारिस शव मिलता है तो दिल्ली पुलिस 72 घंटे के भीतर सभी कानूनी कार्रवाई पूरी करे और फिर अगले 24 घंटे के दौरान नियमों का पालन करते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दे। अगर किसी संक्रमित या कोरोना संक्रमण के संदिग्‍ध व्‍यक्ति का पता दिल्‍ली से बाहर का है तो यह चिकित्‍सा निदेशक की जिम्‍मेदारी हेागी कि वह संबंधित राज्‍य या केंद्र शासित प्रदेश के रेजिडेंट कमिश्नर को इस बारे में सूचित कर 48 घंटों के भीर जवाब देने को कहे। अगर कोई जवाब नहीं मिलता है तो अस्पताल अगले 24 घंटे के अंदर उस शव का अंतिम संस्‍कार कर दे।

दिशा-निर्देशों में साफ किया गया है कि कोरोना पॉजिटिव या इससे संदिग्ध व्यक्ति की मौत के बाद या अस्पताल में मृत लाए जाने की स्थिति में उसके शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अस्पताल के चिकित्‍सा निदेशक की होगी, जबकि इसके लिए जरूरी इंतजाम नगर निगम करेगा। मॉर्च्‍युरी के इंचार्ज संबंधित अस्पताल के मेडिकल निदेशक को संक्रमित या संक्रमण के संदिग्‍ध व्‍यक्तियों के शवों की अंत्येष्टि अथवा निस्तारण के संबंध में रिपोर्ट देंगे।

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