नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या से निजात के लिए बीते कुछ समय से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में उन उद्योग-धंधों को बंद करने के निर्देश दिए हैं, जो इलाके में PNG या स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता के बावजूद इन पर नहीं चल रहे हैं। आयोग की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक, ऐसे उद्योगों को दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल 12 दिसंबर तक ऑपरेशन की अनुमति नहीं होगी।
आयोग ने अगस्त में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे, जिसके मुताबिक, NCR में चालू उन उद्योग-धंधों को PNG या अन्य स्वच्छ ईंधन पर शिफ्ट होने के लिए कहा गया था, जिनके आसपास इनकी उपब्धता हो। राज्य सरकारों से भी इस संबंध में निगरानी और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि उद्योगों में कोयला या ऐसे अन्य ईंधनों का इस्तेमाल न हो, जिनसे प्रदूषण में बढ़ोतरी हो। राज्यों को इस संबंध में निर्धारित समय सीमा के भीतर एक्शन प्लान बनाने के लिए भी कहा गया था।
तेज हवाओं, बारिश से मिली राहत
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को देखते हुए CAQM ने हालात का जायजा लेने के लिए उड़न दस्ते भी बनाए हैं, जिन्हें निगरानी के साथ-साथ निर्देशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी कहा गया है। विगत कुछ दिनों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही हवाएं तेज चलने और रविवार को हुई हल्की बारिश से भी यहां प्रदूषण की स्थिति में कुछ सुधार देखा गया है।
दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से नीचे रहा था। बुधवार को भी AQI यहां 300 से नीचे दर्ज किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच के AQI को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच के AQI को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच के AQI को 'मध्यम', 201 और 300 के बीच के AQI को 'खराब', 301 और 400 के बीच के AQI को 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच के AQI को 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।