- केजरीवाल सरकार ने पानी की आपूर्ति के लिए नई योजना तैयारी की
- 15 जुलाई तक 1,500 से ज्यादा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने जाएंगे
- जलभराव की समस्या से भी निपटने की तैयारी
Delhi News: गर्मी आते ही दिल्ली में बहुत बार पानी की कमी देखने को मिलती है। आलम यह होता है कि लोग पीने के पानी तक के लिए तरसने लगते हैं। हालांकि सरकार अपने स्तर पर पानी की कमी को पूरा करने की हर संभव कोशिश करती है। अब इसी कड़ी में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पानी की आपूर्ति के लिए नई योजना की तैयारी कर ली है। जिसके संचालित होने के बाद दिल्ली में पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा है कि जलभराव की समस्या से निपटने और शहर को पानी के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए 15 जुलाई तक 1,500 से ज्यादा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने जाएंगे, जो बारिश के पानी को संचयन करने का काम करेगी।
मानसून से पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
उपमुख्यमंत्री ने यह बात मानसून से पहले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और जलभराव के लिए सभी नोडल एजेंसियों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कही है। इसको लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली में बारिश के पानी को बचाने और इस मौसम से निपटने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। दिल्ली को पानी के लिए आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 15 जुलाई तक 1,548 नए रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट तैयार किए जाएंगे। सभी नोडल एजेंसियों के साथ इन पर चल रहे काम की समीक्षा हो चुकी है'।
सिस्टम की संख्या बढ़ाकर 2,475 कर दी जाएगी
मनीष सिसोदिया की इस मीटिंग में लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली विकास प्राधिकरण, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री ने इस बात का भी आश्वासन दिया है कि बाद में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की संख्या बढ़ाकर 2,475 कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ये सिस्टम भूजल को रिचार्ज करने और मानसून के दौरान जलभराव को कम करने में मदद करेंगे। आपको बता दें कि मानसून के दौरान वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में तूफान का पानी इकट्ठा होता है, जो भूजल को रिसता और रिचार्ज करता है।