लाइव टीवी

मिलिए आज के जमाने के 'सबसे तेज मानव कैलकुलेटर' से, लंदन में जीता गोल्ड मेडल

Updated Aug 27, 2020 | 08:07 IST

दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएट नीलकांता भानु प्रकाश ने हाल ही में माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड 2020 में गोल्ड मेडल जीता। उसे सबसे तेज मानव कैलकुलेटर कहा जाता है।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspANI
सबसे तेज मानव कैलकुलेटर

नई दिल्ली : दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज का ग्रेजुएट छात्र नीलकांता भानु प्रकाश ने हाल ही में लंदन में सबसे तेज मानव कैलकुलेटर (फास्टेस्ट ह्यूमन कैलकुलेटर) का टाइटल जीता है। उसे इसी साल 15 अगस्त को लंदन में इस टाइटल से नवाजा गया। जब उससे पूछा गया कि जब कैलकुलेटर है तो फिर वह इतने जटिल गणित के सवाल क्यूं हल करता है, इस पर वह जवाब देते हैं कि जब उसैन बोल्ट के पास कार है तो वह क्यों दौड़ते हैं।

उसने बताया कि अपनी शारीरिक योग्यता के जरिए बोल्ट आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करते हैं और उनकी यही जिंदगी है। और मैं ये अपने दिमागी योग्यता के जरिए करना चाहता हूं। प्रकाश सेंट स्टीफन में मैथेमैटिक्स का ग्रेजुएट है और हैदराबाद का रहने वाला है। 20 साल की उम्र में उसे फास्टेस्ट ह्यूमिन कैलकुलेटर का टाइटल मिल गया।

उसे 23 साल की उम्र में लंदन में इसी साल 15 अगस्त को मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला। लंदन में माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड 2020 में उसने ये टाइटल जीता। इस साल ये प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की गई थी। यहां उसने कैलकुलेटर से भी तेज डेसीमल के डिवीजन के सवाल चुटकियों में हल किए थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वह मैथ फोविया को चैलेंज करना चाहता है। उसे फर्स्ट नंबर पर 167 प्वाइंट मिले जबकि लेबनान के एक छात्र को दूसरे नंबर पर 102 प्वाइंट मिले। उसे अपनी जीत पर काफी गर्व है।

वह मूल रुप से हैदराबाद का रहने वाला है जहां उसके पिता केचअप की फैक्ट्री चलाते हैं और उसकी बहन फैशन इंडस्ट्री में है। लंदन में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में 30 लोग शामिल हुए थे जिसमें सबसे उम्रदराज व्यक्ति की उम्र 57 वर्ष थी।

उसने बताया कि मेंटल कैलकुलेशन ज्यादा पॉपुलर नहीं है। हमारे पास श्रीनिवास रामानुजन और शकुंतला देवी हैं लेकिन मॉडर्न एरा में एक भी ऐसा नहीं है। उसने बताया कि 5 साल की उम्र से उसमें ये आदत पड़ी।

एक बार उसका एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उसे सिर पर काफी चोटें आई थी। इसके कारण उसे एक साल तक स्कूल छोड़कर घर पर बैठे रहना पड़ा था और इसी दौरान उसने मेंटल मैथ्स और पजल पर काफी समय बिताया। उसने पहली ट्रॉफी 8 साल की उम्र में जीती थी।

Delhi News in Hindi (दिल्ली न्यूज़), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।